अस्पताल संचालक ब्लैक में बेच रहा था रेमडेसिवीर इंजेक्शन, मेडिकल स्टोर मालिक समेत गिरफ्तार

Pooja Khodani
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रेमडेसिविर इंजेक्शन

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। शहर की पुलिस (Gwalior Police) और प्रशासन (Gwalior Administration) की तमाम कोशिशों के बाद भी रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesiveer Injection) की कालाबाजारी रुक नहीं रही हैं। पिछले दिनों नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन ब्लैक में बेचते एमआर का एक गिरोह पकड़ आया था अब पुलिस एक अस्पताल संचालक को गिरफ्तार किया है, जो शासन से मिले रेमडेसिवीर इंजेक्शन को मेडिकल स्टोर संचालक की मदद से ब्लैक में बेच रहा था।

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संकट काल में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो आपदा में अवसर तलाशने में जुटे हुए हैं ये लोग मरीजों की जान के साथ तो खिलवाड़ कर ही रहे हैं वही अपने पेशे को भी बदनाम कर रहे हैं। ग्वालियर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसका खुलासा ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने किया है। डीएसपी (Gwalior DSP) विजय सिंह भदौरिया के मुताबिक कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी झांसी रोड थाना क्षेत्र स्थित मैक्स केयर हॉस्पिटल में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है ये लोग उनके अस्पताल के मरीजों के लिए जारी किए गए इंजेक्शन को बाजार में ऊँची कीमत पर ब्लैक में बेच रहे हैं।

सूचना के बाद डीएसपी विजय सिंह भदौरिया ने टीम को पड़ताल के लिए लगाया। तीन दिन तक टीम ने पड़ताल की। इंजेक्शन बेचे जाने की पुष्टि होने के बाद एक सिपाही को गुरुवार दोपहर मरीज का परिजन बनाकर भेजा गया। अस्पताल के संचालक रवि रजक और अस्पताल में संचालित मेडिकल स्टोर के संचालक मोहसिन ने सिपाही से दो इंजेक्शन का सौदा 35 हजार में कर लिया। गुरुवार देर रात 11:30 बजे जैसे ही रुपए देकर इंजेक्शन लिए वैसे ही पुलिस ने इन्हें दबोच लिया। उसके बाद इनके तीसरे साथी सोनू यादव को भी पकड़ लिया।

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पूछताछ में पता चला कि मैक्स केयर अस्पताल का इंटरपास संचालक रवि रजक व मेडिकल स्टोर संचालक मोहसिन खान और उसका साथी सोनू यादव अस्पताल में भर्ती मरीजों के नाम पर प्रशासन से इश्यू कराए गए रेमडेसिवीर इंजेक्शन अस्पताल में भर्ती मरीजों की जगह बाजार में ब्लैक में ऊँची कीमत पर बेच रहे थे।

इतना ही नहीं मैक्स केयर अस्पताल में मरीजों की जान से खिलवाड़ किए जाने का भी मामला सामने आया है। जो युवक अस्पताल में स्थित मेडिकल स्टोर पर दवाइयां बेचता है वहीं कोविड मरीजों का इलाज करता मिला। जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो मरीजों के परिजन बोले यह तो डॉक्टर (Doctor) है। तब सच सामने आया। अब क्राइम ब्रांच यह पता लगा रही है कि इस अस्पताल को कितने इंजेक्शन जारी हुए और कितने इंजेक्शन इन लोगों ने बेचे। उधर ड्रग इंस्पेक्टर ने पुलिस को बताया है कि 14 इंजेक्शन इन्हें इश्यू हुए है। पुलिस इन 14 रेमडेसिवीर इंजेक्शन का सच पता लगा रही है।


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