भोपाल।
इन दिनों एमपी के भिंड के कलेक्टर छोटे सिंह का एक आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है।आदेश में कलेक्टर ने नियम के विरुद्ध पदोन्नति की है, जबकी शासन ने गलत तरीके से पदोन्नत अधिकारी-कर्मचारी को पद से हटाने का आदेश दिया था। कलेक्टर के इस आदेश के बाद हड़कंप मच गया है।वही ये आदेश अब सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि अभी तक इस मामले में कलेक्टर या किसी नेता की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नही आई है।
![revenue-inspector-made-nayab-tehsildar-against-rules-in-bhind-](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2020/01/051020191333_0_Capture.jpg)
दरअसल, कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें नियम विरूद्ध काम करते हुए कलेक्टर ने दो की पदोन्नति कर दी है।कलेक्टर ने राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बना दिया है, जबकि शासन ने गलत तरीके से पदोन्नत अधिकारी-कर्मचारी को पद से हटाने का आदेश दिया था। लेकिन एक बार फिर कलेक्टर के इस आदेश से हड़कंप मचा है। कलेक्टर का ये आदेश अब सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है।
बता दे कि प्रदेश का यह पहला मामला नही है ।दो साल पहले भी ग्वालियर से ऐसा मामला सामने आ चुका है। इससे पहले यहां के कलेक्टर ने दो साल से नायब तहसीलदार के रूप में काम कर रहे पांच राजस्व निरीक्षकों (आरआई) को फिर से राजस्व निरीक्षक बना दिया था। हालांकि बाद में इनसे काम तो वापस ले लिया गया पर इन्हें राजस्व निरीक्षक के रूप में काम नहीं दिया गया।साथ ही जो कलेक्टर ने आदेश जारी किया था उसमें एक निलंबित तहसीलदार को भी डबरा का काम सौंप दिया गया था। बाद में कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा ने उक्त आदेश निरस्त कर दिया था।