भोपाल। प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था केंद्रीय विद्यालयों की तरह पुख्ता होने जा रही है। इसके लिए स्कूलों को बाउंड्रीवाल से लैस किया जाएगा। साथ ही चौकीदारों की तैनाती की जाएगी। स्कूलों में बच्चों के अपहरण और अन्य तरह की आपराधिक घटनाओं के चलते केंद्र सरकार जल्द ही स्कूलों की सुरक्षा को लेकर एक योजना लांच करने जा रही है। इसके लिए राज्यों को तैयार रहने को कहा है।
अब पढ़ाई-लिखाई के साथ सरकारी स्कूलों में अब सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम देखने को मिलेंगे। सरकार ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक इस योजना में फिलहाल देश भर के सभी सरकारी स्कूलों को शामिल किया गया है। शुरूआत उन स्कूलों से होगी, जहां अभी सुरक्षा लिहाज से बाउंड्रीवाल तक नहीं है। ऐसे में पहली खेप में ऐसे सभी स्कूलों को सुरक्षा के लिहाज से बाउंड्रीवाल बनायी जाएंगी। स्कूली शिक्षा को मजबूती देने के लिए शुरू की गई समग्र शिक्षा के तहत ऐसे स्कूलों को वित्तीय मदद देने की तैयारी है। इस बीच राज्यों से इसे लेकर जानकारी मांगी है।
ज्यादातर स्कूलों में सुरक्षा के कोई उपाए नहीं
प्रदेश में प्राथमिक, माध्यमिक एवं उमा स्कूलो ंकी संख्या करीब 45 हजार है। इनमें से ज्यादातर स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है। यानी 20 किमी के दायरे में पहली कक्षा से लेकर 12 तक स्कूल कैंपस का निर्माण किया जा रहा है। इन स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था से लेकर पढ़ाई लिखाई निजी स्कूलों जैसी होगी। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद ज्यादातर स्कूल खासकर प्राइमरी स्कूलों में सुरक्षा के कोई मापदंड नहीं पूरा करते है। इसे लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) भी चिंता जाहिर कर चुकी है। साथ ही इसे लेकर सरकार को दिशानिर्देश भी दे चुकी है। इसके अलावा शिक्षा के अधिकार (आरटीई) नियमों में भी स्कूलों में पर्याप्त ऊंचाई की बाउंड्री वॉल की जरूरत है।
केंद्रीय विद्यालय हैं पूरी तरह सुरक्षित
सरकारी स्कूलों को सुरक्षा बंदोबस्त से लैस करने की तैयारी में जुटे मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस दौरान केंद्रीय विद्यालयों में सुरक्षा को लेकर तय किए मापदंडों को आधार बनाया है। यहां बाउंड्री वॉल के साथ स्कूल के मुख्य गेट पर गार्ड और चौकीदार की तैनाती जरूरी है। इसके अलावा अन्य किसी बाहरी व्यक्ति के आने-जाने पर गेट के रजिस्ट्रर में इंट्री कराने का भी व्यवस्था करने के भी निर्देश है। गेट पर एक टेलीफोन भी लगाना जरूरी है।