शर्मसार हुई राजधानी भोपाल, 20 साल की लड़की से गैंग रेप

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। देश भर में उत्तरप्रदेश के हाथरस में हुए गैंगरेप का मुद्दा गर्माया हुआ है। वहीं मध्यप्रदेश में भी आए दिन रेप के मामले सामने आ रहे है, नरसिंहपुर में रेप पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं करने को लेकर की गई आत्महत्या का मुद्दा ठंडा नहीं पड़ा था, वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बैरागढ़ से एक और रेप का मामला सामने आया है, जिसमें एक 20 साल की दलित लड़की के साथ तीन लोगों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया है।

दरअसल, पीड़िता आरोपियों को एक्टिवा गाड़ी लौटाने के लिए आई थी, इसी दौरान पहले तो आरोपियों ने पीड़िता को कमरे में बंधक बना लिया, उसके बाद मामले के मुख्य़ आरोपी ने पहले तो उसके साथ मारपीट की और फिर दुष्कर्म को अंजाम दिया। वहीं इसी दौरान अन्य आरोपी कमरे के बाहर पहरेदारी कर रहे थे। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। मामला संज्ञान में आने के बाद कांग्रेस इस वारदात का पुरजोर विरोध कर रहा है।

वहीं एएसपी दिनेश कौशल का कहना है कि पीड़िता के परिजन उसके घर नहीं पहुंचने की शिकायत लेकर देर रात थाने आए थे। परिजनों शिकायत करते हुए बताया कि उनकी बेटी जो कि 20 साल की है वो एक दुकान में काम करती है। वो अभी तक घर नहीं लौटी है, जिसके बाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए लड़की की तलाश शुरु कर दी थी, पुलिस द्वारा सभी संभावित जगह और ठिकानों पर पीड़िता की तलाश की गई। पीड़िता जहां काम करती थी पुलिस पहले वहा गई,जहां से पुलिस को पता चला की पीड़िता एक्टिवा गाड़ी लौटाने किसी देवी सिंह के यहां गई । वहीं पीड़िता को खोजने निकले लोगों ने आरोपी को पुलिस से पहले धरदबोचा।

आगे एएसपी ने बताया कि पीड़िता बदहवास हालत में सुबह बैरागढ़ के 12 नंबर कैंपस के एक निर्माणाधीन मकान में बंधक मिली। पीड़िता को खोजने पहुंचे लौग ने उसकी हालत देख आरोपी की जमकर पीटाई की और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं पीड़िता के घायल होने के चलते उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। आगे एएसपी कौशल ने बताया कि पीड़िता घुमक्कड़ जाति से संबधन रखती है, अगर वो दलित श्रेणी में आती है तो आरोपियों के खिलाफ अन्य कई धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। ओल्ड डेरी फॉर्म के पास बैरागढ़ रहने वाला देवसिंह राठौर पिता फूंदी लाल जिसकी उम्र 40 साल है उसे गिरफ्तार किया है, वहीं उसके दो अन्य साथी कालू उर्फ गिरधर तनवानी, जोकि 34 साल का है और जो न्यू A 39 क्वाटर, हाई स्कूल के पीछे बैरागढ़ का रहने वाला है उसे और कैलाश नगर बैरागढ़ का रहने वाला आकाश मालवीय पिता किशन लाल मालवीय जिसकी उम्र 21 साल उसे गिरफ्तार किया है।

वहीं डीआईजी इरशाद वली का कहना है कि अभी तक मिले बयानों के आधार पर और पीड़िता द्वारा की गई शिकायत पर तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मुख्य आरोपी देवी सिंह लोगों द्वारा पीटे जाने के चलते घायल हो गया है जिसको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उसने ही पीड़िता के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया है, वहीं उसके अन्य दोनों साथियों ने इसमें उसकी मदद की है। इसलिए लड़की के बयान के आधार पर सभी को आरोपी बनाया गया है। इस अपराध को चिह्नित अपराध में रखा गया है जिससे इस मामले की जल्द जांच कर दोषियों को सजा दिलवाई जा सके।

पीड़िता का कहना है कि वो देवी सिंह जो कि 40 साल का है उसको पहचानती है। किसी काम के चलते वो शनिवार को आरोपी देवी से एक्टिवा ले गई थी। काम खत्म होने के बाद जब वो रात करीब 9:30 बजे आरोपी देवी सिंह को निर्माणाधीन मकान पर गाड़ी लौटाने गई थी, तो उसी दौरान उसके साथ दो और उसके दोस्त वहां पर थे, जिसको वो नहीं जानती थी। आरोपी देवी ने कहा कि उसके पैसे गिर गए हैं और उसे अंधेरे में दिख नहीं रहे हैं। पैसे खोजने के लिए टॉर्च दिखा दो। आगे पीड़िता ने कहा कि उसने जैसे ही दरवाजे के पास टॉर्च दिखाई उसके दोनों दोस्तों ने उसे पकड़ लिया और कमरे के अंदर कर दिया। देवी ने मेरे साथ मारपीट करके दुष्कर्म किया और उसके दोनों साथी बाहर बैठकर पहरा देते रहे थे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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