भोपाल।
गृह मंत्रालय द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को लेकर किए बड़े खुलासे के बाद सियासत गर्मा गई है।
रिपोर्ट में कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल का नाम सामने आने के बाद राजनैतिक पार्टियों के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है। इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने भी ट्वीट कर एक के बाद कांग्रेस पर हमला बोला है। वही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल किया है कि मैडम सोनिया गांधी देश की जनता को जवाब दें, क्या आपको मालूम था कि आपकी पार्टी के नेता दंगे भड़काने के लिए पैसों का लेन-देन कर रहे हैं? वही राहुल गांधी से जवाब तैयार कर देश को जवाब देने को कहा है।
शिवराज ने ट्वीट कर लिखा है कि Popular Front of India’ संगठन ने #CAA विरोधी प्रदर्शन होने के दौरान 73 बैंक खातों में करीब 120 करोड़ रुपये जमा किए।आश्चर्य की बात तो यह है कि शांति का ढिंढोरा पीटने वाले कांग्रेस के ‘बुद्धिजीवी’ नेता कपिल सिब्बल जी को 77 लाख रुपये मिले हैं। क्या सिब्बल साहब इसका जवाब देंगे? अब या तो सिब्बल साहब ने कांग्रेस के पार्टी फंड के लिए पैसे लिए हैं, या ‘Popular Front of India’ उनका क्लाइंट है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर #CAA विरोधी प्रदर्शन और हिंसा कराने के लिए पत्थरबाज़ों और दंगाइयों को मैडम सोनिया गांधी, सिब्बल साहब और कांग्रेस ने पैसे पहुँचाये हैं।
शिवराज ने कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से सवाल करते हुए पूछा है मैडम सोनिया गांधी देश की जनता को जवाब दें, क्या आपको मालूम था कि आपकी पार्टी के नेता दंगे भड़काने के लिए पैसों का लेन-देन कर रहे हैं? क्या आपने गुंडे-बदमाशों के भरण-पोषण की ज़िम्मेदारी ले ली है? क्या देश की शांति भंग करने का ठेका आपने ले लिया है? #CAA राहुल गांधी जी, कृपया जवाब तैयार करवाएँ!आपको देश को बताना होगा कि घर-दुकानों में तोड़फोड़ करने वाले, बसों-कारों को आज़ादी के नाम पर फूँकने वाले आपके ‘शांतिपूर्ण’ प्रदर्शनकारियों को आपकी पार्टी के नेता पैसे पहुँचा रहे थे, इसकी जानकारी आपको थी? #CAA
शिवराज ने आगे ट्वीट कर लिखा है कि खुद को क्रांतिकारियों की पार्टी कहने वाली कांग्रेस के नेता देश को जलाने वालों की मदद कर रहे हैं, इससे ज़्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता!क्या #CAA विरोधी हिंसक प्रदर्शन करने में कांग्रेस का हाथ है? क्या कांग्रेसी नेता देश में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं?
दरअसल, नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शनों को लेकर ईडी ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी हिंसक प्रदर्शनों एवं पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के बीच सीधा संबंध का दावा किया है। गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामिक कट्टरपंथी लोगों ने हिंसा के लिए 73 सिंडिकेट बैंकों में 120 करोड़ रुपए जमा कराए और यह रकम चार दिसंबर और 6 जनवरी के बीच निकाली गई है। पीएफआई का केस लड़ने वाले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को 77 लाख रुपए मिले हैं। मोदी सरकार की आलोचक इंदिरा सिंह को 4 लाख रुपए और दुष्यंत दवे 11 लाख रुपए दिए गए। खास बात यह है कि एनआईए की चार्जशीट में आरोपी अब्दुल समद 3.10 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। ईडी का कहना है इन पैसों का इस्तेमाल हिंसा एवं उपद्रव फैलाने में हुआ है।