भोपाल। राज्यसभा चुनाव (rajyasabha election) के खत्म होते ही शिवराज कैबिनेट विस्तार (Shivraj cabinet expansion) की अटकलें फिर जोरों पर है। खबर मिल रही है कि उपचुनावों और विधानसभा के मानसून सत्र (By-election & monsoon session of assembly) को देखते हुए इसी महिने के अंत तक मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है।वही राज्यपाल लालजी टंडन(Governor Lalji Tandon) के अस्वस्थ होने पर कार्यवाहक राज्यपाल नए मंत्रियों को शपथ दिला सकते हैं।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इस बात के संकेत दिए है।शिवराज का कहना है कि प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द कर लिया जाएगा। इसके लिए हमारी तरफ से तैयारी पूरी कर ली गई है। केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा होनी है। उनका निर्देश मिलते ही मंत्रियों को शपथ दिला दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बुधवार सुबह यह बयान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और संगठन मंत्री सुहास भगत से चर्चा के बाद दिया। इस दौरान गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद थे।बैठक में मंत्रिमंडल के नामों को अंतिम रूप देने को लेकर मंत्रालय में लंबी चर्चा हुई।खबर मिल रही है कि आज-कल में शिवराज नामों की लिस्ट लेकर दिल्ली जा सकते है और हाईकमान से चर्चा के बाद विस्तार किया जा सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सामने मंत्रिमंडल विस्तार करना सबसे टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। अब देखना है कि शिवराज इन सबसे से कैसे पार पाते है औ किस किस को अपने मंत्रिमंडल मे शामिल करते है।
दरअसल,शिवराज मंत्रिमंडल में इस समय कैबिनेट के नाम पर प्रदेश में सिर्फ पांच मंत्री हैं जो औपचारिक रूप से और संवैधानिक प्रक्रिया के हिसाब से कैबिनेट (cabinet) नहीं है और बड़े स्तर पर विस्तार होना है। बीते कई दिनों से यह बात निकल कर आ रही है कि जल्द शिवराज (shivraj) अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे, लेकिन कभी कोरोना तो कभी राज्यसभा चुनाव तो कभी अपनों की नाराजगी सामने आ जाती और मंत्रिमंडल अटक जाता। तारीख पर तारीख देते देते अब तीन महिने बीतने के बाद विधायकों में भी मंत्री बनने की दौड़ लगी है, देरी के चलते असंतोष पनपने लगा है और अंतरकलह भी सामने आ रही है।ऐसे में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो चली है और नामों को लेकर मंथन शुरु हो गया है।खबर है कि शाम को फाइनल नामों की लिस्ट लेकर शिवराज दिल्ली जा सकते है वहां हाईकमान से मुलाकात नामों को हरी झंडी दी जा सकती है ।वही रुठों भी मनाने का राज मिल सकता है।
खास बात ये है कि विस्तार से पहले भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनों में पनपा असंतोष है। अगर सिंधिया समर्थक 22 पूर्व विधायकों को मंत्री बनाया जाता है तो पार्टी में बिखराव हो सकता है और अगर नही बनाया जाता है तो नए मेहमान बगावत कर सकते है, क्योंकि उन्होंने मंत्री बनने की आस में ही सरकार को समर्थन दिया और अपने पद से इस्तीफा।वही उपचुनावों भी सामने है, ऐसे में अपने क्षेत्र में बिना पद के जाना भी पूर्व विधायकों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहा है। ऐसे में दावेदारों की संख्या अधिक होने और सिंधिया से कमिटमेंट के कारण कैबिनेट विस्तार पर फैसला शिवराज सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव की उठापठक के बीच दिल्ली से आए वरिष्ठ नेताओं से बीजेपी संगठन के नेताओं की बात हो चुकी है। सूची लगभग फायनल हो गई है, सूत्रों के मुताबिक कई बड़े चेहरे इस बार मंत्रिमंडल से बाहर हो सकते है।इधर संकटमोचक के नाम से प्रसिद्ध गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, मुख्यमंत्री शिवराज और संगठन मे अपनी अच्छी पैठ बनाने वाले प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा इसका तोड़ निकालने में जुटे है। ।खैर अब देखना दिलचस्प होगा कि शिवराज इन चक्रव्यूह को कैसे भेदकर बाहर निकलते है और अपने कुनबे में किस किस को शामिल करते है।
सिंधिया समर्थकों का मंत्री बनना तय
इसमें सिंधिया समर्थकों का मंत्री बनना तय माना जा रहा है लेकिन बीजेपी विधायकों के मंत्री बनने पर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है।स मंत्री मंडल में सिंधिया(scindia) के समर्थक इमरती देवी(imarti devi), प्रद्युम्न सिंह तोमर(pradyuman singh tomar) ,महेंद्र सिंह सिसोदिया(manish singh sisodhiya) ,प्रभु राम चौधरी ,राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और रणवीर सिंह को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।इसके अलावा एन्दल सिंह कंसाना ,बिसाहू लाल सिंह और हरदीप सिंह डंग मंत्री बन सकते हैं ।कुल 25 मंत्रियों को शपथ दिलाई जाने की संभावना है जिनमें बीजेपी प्रदेश इकाई के साथ चर्चा करके शिवराज सिंह चौहान ने जो सूची तैयार की है उसमें सिन्धिया समर्थको के अलावा गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह(bhupendra singh), रामपाल सिंह, अजय विश्नोई, यशोधरा राजे सिंधिया गौरीशंकर बिसेन राजेंद्र शुक्ला केदारनाथ शुक्ला विश्वास सारंग(vishwas sarang) विष्णु खत्री अरविंद भदोरिया, संजय पाठक(sanjay pathak) विजय शाह, डॉ सीताशरण शर्मा, उषा ठाकुर रमेश, मेंदोला महेंद्र हार्डिया, चेतन कश्यप, महेंद्र यादव, ओमप्रकाश सकलेचा के नाम शामिल हैं ।हालांकि इनमें कुछ नामों में केंद्रीय नेतृत्व परिवर्तन कर सकता है और कुछ नए नामों को इनमें जोड़ा जा सकता है।
कांग्रेस के निशाने पर सिंधिया समर्थक
इधर ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा सांसद बनने के बाद विपक्ष ने समर्थकों और सत्तापक्ष की घेराबंदी करना शुरु कर दिया है।हाल ही में चुनाव के बाद एक एमपी कांग्रेस का ट्वीट भी चर्चाओं में आया था , जिसमें लिखा था कि जयचंदो, तुम्हें बेंचकर वो तो सेटल हो गया, अब तुम्हारा क्या होगा..? विपक्ष बार बार आरोप लगा रही है कि पांच मंत्रियों से मंत्रिमंडल चल रहा है।ऐसे में पूर्व विधायकों की भी बैचेनी बढ़ती नजर आ रही है, उन्हें भी इंतजार है कि जल्द मंत्रिमंडल विस्तार हो और मंत्री पद मिले।
इन्हें मिल सकती है कार्यवाहक राज्यपाल की जिम्मेदारी
राज्यपाल लालजी टण्डन की तबीयत खराब होने के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। पहले कोरोना के चलते मंत्रिमंडल का विस्तार अटक गया था, अब राज्यपाल की अस्वस्थता इसमें अवरोध बनी हुई है। ऐसे में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि अब मध्यप्रदेश में कार्यवाहक राज्यपाल नियुक्त कर मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है।इसके लिए छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूइया उइके और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Anandiben Patel) का नाम चर्चा में बना हुआ है। माना जा रहा है कि दोनों में से किसी एक को राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जा सकता है। इसी सप्ताह दोनों में से किसी एक को मप्र की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है।
प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द कर लिया जाएगा। इसके लिए हमारी तरफ से तैयारी पूरी कर ली गई है। केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा होनी है। उनका निर्देश मिलते ही मंत्रियों को शपथ दिला दी जाएगी।