भोपाल। प्र्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शराब को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, उन्हें सिर्फ विदेशी ब्रॉड से आपत्ति है। वे शराबबंदी के नाम पर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। सलूजा ने कहा कि बड़ी खुशी होती कि शिवराजसिंह चैहान शराब पर आपत्ति जताने वाला पत्र मुख्यमंत्री को लिखते, लेकिन उनका यह पत्र देशी शराब के ब्रांड एम्बेसडर की तरह लिखा गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में मदिरा का विरोध नहीं किया है। सिर्फ देशी मदिरा की दुकानों पर विदेशी मदिरा बेचे जाने का विरोध किया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस पत्र के द्वारा वो देशी मदिरा निर्माताओं के एकाधिकार को सुरक्षित रखना चाहते हैं। वास्तव में वे शुरू से ही देशी मदिरा निर्माताओं के पक्ष में रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में न केवल 2018-19 के लिये, बल्कि अगली सरकार में 2019-20 के लिये भी देशी मदिरा निर्माताओं के लिए निविदा स्वीकृत की। यह एक विभागीय प्रस्ताव नहीं था, लेकिन मंत्रिमण्डल द्वारा जोड़ा गया। अपने कार्यकाल में इसके अलावा भी उन्होंने तीन नये कारखानों को अपने चहेते निर्माताओं के एकाधिकार की रक्षा के लिए टेंडर में भाग लेने की अनुमति प्रदान नहीं की थी।
सलूजा ने कहा है कि इस मुद्दे पर शिवराजसिंह चैहान व भाजपा प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुमराह व भ्रमित कर रहे हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि वर्तमान मंत्रिमण्डल ने मोटे तौर पर 2019-20 के लिए उसी आबकारी नीति का पालन किया है जो पूर्व भाजपा सरकार द्वारा तय की गयी थी। जहां पूर्व की भाजपा सरकार 15 प्रतिशत बृद्धि के साथ दुकानों का नवीनीकरण कर रही थी, वहीं हमारी सरकार ने 20 प्रतिशत के साथ नवीनीकरण करने का निर्णय लिया है। जिस नीति का पालन किया गया है, उसके तहत सबसे पहले मदिरा की फुटकर दुकानों को वर्तमान दुकानों के नवीनीकरण का अवसर दिया जाता है। यदि उसमें किसी लायसेंसधारी की सहमति प्राप्त नहीं होती है तो उसे किसी अन्य इच्छुक पार्टी को उसी दर पर देने का अवसर दिया जाता है। यदि इन दोनों का राजस्व का योग 70 प्रतिशत तक नहीं होता है तो उस जिले की दुकानों को पुर्नगठित किया जाता है और ऐसी पुर्नगठित दुकानों की नई नीलामी की जाती है।