भोपाल।
कमलनाथ सरकार के सामने खाली खजाना चुनौती बना हुआ है।विकासकार्यों और वादों पर पैसा की कमी की कारण ब्रेक लग गया है। सरकार राजस्व को बढाने के लिए नित नए प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने ग्राम पंचायतों में भजन मंडलियों को प्रोत्साहित करने के लिए शिवराज सरकार में दी गई 57.60 करोड़ की राशि वापस मंगवाई है। बताया जा रहा है कि इस राशि का उपयोग सरकार विकासकार्यों को पूरा करने में करेगी।
दरअसल, शिवराज सरकार ने बीते साल जुलाई 2018 में प्रदेश की 22,824 ग्राम पंचायतों में भजन मंडलियों को प्रोत्साहित करने के लिए 57.60 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की थी।ताकी ढोल, मंझीरे, झांझ और हरमोनियम मंगवाया जा सके, लेकिन अक्टूबर में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई, जिसके कारण ज्यादातर जिलों में राशि खर्च ही नहीं हो पाई। यह राशि कलेक्टर्स और जिला पंचायत सीईओ के माध्यम से बंटवाई गई थी।जिसे वर्तमान की कमलनाथ सरकार ने वापस बुलवा लिया है।इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर सभी संभागायुक्त, कलेक्टर और सीईओ प्रति ग्राम पंचायत बांटी गई 25-25 हजार रुपए की राशि जल्द संस्कृति विभाग में जमा कराने के निर्देश दिए है।
नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि शिवराज सरकार के दौरान भजन मंडलियों को बांटा गया पैसा वापस मंगवाया गया है। उसका सही उपयोग नहीं हो रहा था । हितग्राहियों तक राशि नहीं पहुंच पा रही थी जिसकी वजह से सरकार ने ये फैसला लिया। शिवराज सरकार ने ढोल-मंजीरे खरीदने का पैसा 22, 824 पंचायतों को दिया था । भजन मंडलियों को 57 करोड़, 60 लाख रुपए बांटे गए थे।वही उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी ने क्या धर्म का ठेका ले कर रखा है य़बीजेपी की 15 सालों तक सरकार थी क्या एक भी गौशाला उन्होंने इन 15 सालों में खोली हैं।