BHOPAL NEWS : रविवार 20 अक्टूबर विंध्य क्षेत्र के लिये ऐतिहासिक होगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रीवा एयरपोर्ट का वर्चुअल शुभारंभ करेंगे। रीवा एयरपोर्ट पूरे विंध्य क्षेत्र के लिये गेम चेंजर साबित होगा, इससे रीवा अंचल में पर्यटन के साथ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा
प्रदेश का 6वां एयरपोर्ट, जिसे डीजीसीए ने दिया लायसेंस
मध्यप्रदेश के एक बड़े हिस्से के लिए यह अच्छी खबर है कि डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने रीवा एयरपोर्ट को लाइसेंस दे दिया है। इसके अंतर्गत अब यहां से एयरक्राफ्ट आसानी से उड़ान भर सकेंगे। भोपाल, जबलपुर, खजराहो, इंदौर और ग्वालियर के बाद रीवा प्रदेश का 6 वां एयरपोर्ट है, जिसे डीजीसीए ने लाइसेंस दिया है। इस एयरपोर्ट पर उड़ानें शुरू होने से प्रदेश के 65 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा होगा। साथ ही रीवा की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोगों को भी राहत मिलेगी।
उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे क्षेत्र भी होंगे लाभान्वित
उल्लेखनीय है कि रीवा से मऊगंज, सीधी, सतना, मैहर जिले सीधे जुड़े हुए हैं। इन जिलों के साथ ही उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे लोग भी काम के सिलसिले में रीवा आते हैं। रीवा की आबादी करीब 15 लाख, मऊगंज की 8 लाख, सीधी की 12 लाख, सिंगरौली की 12 लाख और सतना जिले की आबादी 18 लाख है। इन जिलों की जनता को रीवा एयरपोर्ट बनने से सीधा फायदा होगा। एयर कनेक्टिविटी होने से यहां विकास को भी रफ्तार मिलेगी। रीवा एयरपोर्ट सरकार की उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक- UDAN) योजना के तहत बनाया गया है। इसका उद्देश्य विमान यात्रा को आम जनता के लिए आसान बनाना है। इससे छोटे शहरों के बीच एयर कनेक्टिविटी बेहतर होगी. इसके अलावा अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
निवेश-टूरिज्म को मिलेगा फायदा
लाइसेंस मिलने के बाद अब रीवा एयरपोर्ट पर फ्लाइट का आना-जाना, यात्रियों और कार्गो सुविधा का विस्तार होगा. इस एयरपोर्ट को नए ढंग से बनाया गया है। यह अच्छा-खासा टर्मिनल भी बनाया गया है। इस एयरपोर्ट पर एटीआर-72 विमान संचालित किया जा सकता है। ये सभी सुविधाएं एयरलाइंस को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। इस एयरपोर्ट के संचालन से एक ओर पर्यटन को फायदा होगा वहीं दूसरी ओर निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
अगले 50 सालों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया प्लान
रीवा एयरपोर्ट को अगले 50 सालों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। रीवा से हवाई यात्रा करने वाले यात्री बिना किसी असुविधा के रीवा एयरपोर्ट तक पहुंच सकेंगे। रीवा में पहले से बनाए गए रिंग रोड के चलते सीधी और सतना जिले से यात्रियों का आना-जाना काफी बढ़ गया है। सिंगरौली का पॉवर प्लांट, विंध्य की 29 बड़ी इकाइयां, बेहतरीन हाई-वे, मुकुंदपुर व्हाइट सफारी, बंधावगढ़ नेशनल पार्क, संजय नेशनल पार्क, एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट, खूबसूरत जलप्रपात, भगवान श्रीराम की तपोवन भूमि चित्रकूट, मैहर की शारदा मां और सीमेंट के बड़े उद्योग होने से रीवा एयरपोर्ट की महत्वता और भी बढ़ जायेगी।
रीवा एयरपोर्ट – एक नजर में – 450 करोड़ रूपये की लागत, 102 हेक्टेयर भूमि पर निर्मित, 30 मीटर चौड़ा और 800 मीटर लंबा रन-वे, रन-वे के दोनों तरफ़ 3.5 मीटर के दो शेल्टर, टर्मिनल में बैठने की अच्छी व्यवस्थाएँ, साफ़-सुथरे शौचालय, यात्री सहायता के लिए सूचना डेस्क, स्क्रीनिंग उपकरण और प्रशिक्षित कर्मियों से लैस सुरक्षा उपाय, यात्री और कार्गो विमान भर सकेंगे उड़ान, भोपाल के लिए 72 सीटर विमान सेवाएं शुरू होंगी, भविष्य में अन्य बड़े शहरों तक होगा इसका विस्तार, जनरेटिव एआई की सुविधा एक्सपेरिमेंट के तौर पर उपलब्ध।
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल की कलम से
20 अक्टूबर 2024 की तारीख विन्ध्य क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चिरप्रतीक्षित रीवा हवाई अड्डे का लोकार्पण करने जा रहे हैं। इस अवसर पर लोकप्रिय मुख्यमंत्री डॅा. मोहन यादव, रीवा के प्रभारी मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल गौरवमयी ऐतिहासिक समारोह के साक्षी रहेंगे। प्रधानमंत्री रीवा में एक ऐसे हवाई अड्डे को लोकार्पित करने जा रहे हैं, जो भविष्य में उत्तर मध्य भारत का सबसे महत्वपूर्ण एयर ट्रैफिक डेस्टिनेशन बनकर उभरेगा। साथ ही इस क्षेत्र को विकास के उच्च पायदान पर स्थापित करेगा। औद्योगिक निवेश और पर्यटन के लिए वैश्विक संभावनाओं का पथ प्रशस्त करेगा।
रीवा में विन्ध्य में इन्वेस्टर समिट और रीजनल इन्डस्ट्रियल कान्क्लेव
दो वर्ष पूर्व इंदौर में आयोजित ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट में विश्व भर के उद्यमियों के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ( तत्कालीन नागरिक विमानन व उड्डयन मंत्री ) ने यह घोषणा की थी कि हम मध्यप्रदेश के छठवे हवाई अड्डे को निर्मित और विकसित करने जा रहे हैं। उनकी इस घोषणा ने दुनिया भर के उन उद्योगपतियों के ध्यान को आकृष्ट किया, जो यहाँ पावर व माइनिंग सेक्टर, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म, फूड प्रोसेसिंग इन्डस्ट्रीज की संभावनाओं को देखते हैं। शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश करने वालों के लिए यह अवसरों का दरवाजा खोलने वाला है। यह सुयोग है कि 23 अक्टूबर को रीवा में विन्ध्य में इन्वेस्टर समिट और रीजनल इन्डस्ट्रियल कान्क्लेव का आयोजन हो रहा है।
रीवा का हवाईअड्डा कई चरणों में विकसित
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि-यह हवाई अड्डा विन्ध्य क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से एक्सीलेटर की भूमिका निभाएगा, यह मेरा दृढ़ विश्वास है। मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि रीवा का हवाईअड्डा कई चरणों में विकसित हो रहा है। प्रथम चरण में 72 सीटर यात्री विमान के उड़ान की सुविधा प्रारंभ हो रही है। पाँच साल में रीवा का हवाईअड्डा बोइंग की लैंडिंग और अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए बनकर तैयार हो जाएगा। वह दिन दूर नहीं जब यहां से विदेशों के लिए भी हवाई जहाज उड़ने लगेंगे। रीवा एयरपोर्ट शिलान्यास के बाद रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है।
दी बधाई
इस उपलब्धि के लिए भारतीय विमान प्राधिकरण व स्थानीय प्रशासन अभिनंदन के पात्र है। हवाई यातायात की सुविधा की दृष्टि से रीवा अब भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खजुराहो की श्रेणी में आकर खड़ा हो गया है। भविष्य में हम और भी आगे बढ़ेंगे। देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और प्रदेश के मुख्यंमंत्री डा. मोहन यादव के कुशल और फलदायी नेतृत्व के अनुभव को देखते हुए मैं यह विश्वासपूर्वक कह सकता हूँ कि अगले पाँच वर्षों के भीतर हम सब का सपना पूर्णरूपेण यथार्थ के धरातल पर उतर जाएगा। यह विन्ध्य की आशाओं के केन्द्र रीवा के विकास का श्रेष्ठ व उन्नत दौर है, जो स्वतंत्रता के अमृतकाल में प्रारंभ हो हुआ है। मैं जब कहता हूँ कि रीवा मध्यप्रदेश ही नहीं देश के समुन्नत और श्रेष्ठ महानगरों की श्रेणी में आगे बढ़ रहा है, तो इसके पीछे ठोस आधार है।
रीवा का गौरवशाली इतिहास
1956 तक रीवा विन्ध्यप्रदेश की राजधानी रहा है और तब इसकी ख्या्ति भोपाल, लखनऊ, पटना और भुवनेश्वर जैसे शहरों के समकक्ष थी। कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक द्वेषवश रीवा से एक प्रदेश की राजधानी होने का गौरव छीन लिया। 1956 से 2004 तक यह उपेक्षित और अभिशप्त पड़ा रहा। विन्ध्य में आज जो प्राकृतिक संसाधन हैं वो कल भी थे। आम नागरिकों में विकास की ललक और अपेक्षाएं कल भी वैसी ही थीं। केन्द्र में तत्का लीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी और उसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभ मोदी जी की नेतृत्व वाली व प्रदेश में तत्कांलीन मुख्येमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और अब मुख्यशमंत्री डा. मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने आहत और उपेक्षित विन्ध्यवासियों की पीड़ा और भावनाओं को समझा है। आज यह क्षेत्र कई मामलों में देश में अग्रगण्य है।
उप मुख्यमंत्री का दावा
जब मैं कहता हूँ कि रीवा एयरपोर्ट उत्तर मध्यभारत का सबसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट होगा तो मेरी दृष्टि के सामने सिंगरौली का पावर काम्प्लेक्स उभरकर आता है। सिंगरौली में थर्मल प्लांटस में 20,000 मेगावाट से ज्यादा विद्युत उत्पादन होता है। देश का यह सबसे बड़ा पावर काम्प्लेक्स है। रीवा से सिंगरौली तक विश्वस्तरीय सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित होकर पूर्णता के करीब है। जो यात्री पाँच घंटे में बनारस पहुँचते थे वे दो घंटे में रीवा एयरपोर्ट के लाउंज में होंगे। विन्ध्य की 29 बड़ी औद्योगिक इकाईयां 225 किमी की परिधि में फैली हैं और प्रायः सभी नेशनल हाइवेज से जुड़ी हैं। अपने रीवा का हाइवेज जंक्शन पहले ही विकसित हो चुका है। इन औद्योगिक इकाइयों के अधिकारियों के लिए रीवा एयरपोर्ट कितनी बड़ी सहूलियत बनने जा रहा है यह अब उनसे ही पूछ सकते हैं। विन्ध्य की वाइल्डलाइफ टूरिज्म का विश्व में स्थान है। यहाँ का सफेद बाघ दुनियाभर के चिड़ियाघरों में दहाड़ रहा है। टीवी में दिखने वाला हर दूसरा बाघ या तो बांधवगढ़ का है या फिर पन्ना का। पर्यटकों के लिए यह कितना आसान हो जाएगा। रीवा में 750 मेगावाट का सोलर पावर काम्प्लेक्स एशिया के बड़े पावर प्रोडक्शन यूनिट में शामिल है। रीवा में खूबसूरत प्रपातों की श्रृंखला है। भगवान राम का तपोवन चित्रकूट और माँ शारदा के धाम मैहर कौन नहीं आना चाहेगा।
रीवा में तमाम सुविधाएं मौजूद
बाणसागर का विस्तृत जल प्रक्षेत्र और उसके द्वीप विकसित होने पर हनुवंतिया के आकर्षण से आगे का प्राकृतिक सौंदर्य प्रस्तुत करेंगे। अपना विन्ध्य पावर हब की तरह सीमेंट का भी प्रोडक्शन काम्प्लेक्स है। प्रायः सभी बड़े औद्योगिक घरानों का निवेश यहां आया है। रीवा में नागपुर की तरह मेडिकल सुविधा और कोटा की तरह एकेडमीज का विस्तार हो रहा है। हम यह गर्व के साथ कह सकते हैं कि देश का हर दसवां घर विन्ध्य में उत्पादित बिजली से रोशन हैं। देश के हर दसवें घर की बुनियादें यहां की फैक्ट्रियों से बनी सीमेंट से बेजोड़ और मजबूत हुई हैं।
रीवा इंदौर की तर्ज पर
इस क्षेत्र में अभी तीन लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है। बाणसागर का पानी जब 9 लाख हेक्टेयर तक पहुँचेगा तब यहाँ के किसानों की स्थिति क्या बनेगी कल्पना की जा सकती है। विन्ध्यवासियों की क्रयशक्ति बढ़ी है और यही सब क्षमता मिलकर रीवा को उत्तर मध्यभारत का सबसे विकसित महानगर बनाने का काम करेगी। रीवा इंदौर की तर्ज पर आगे बढ़ रहा है। शहरी विकास की रेटिंग एजेंसियां रीवा को संभावनाओं का महानगर बता रही हैं। इन्हीं सबके आधार पर मैं यह कहता हूँ कि रीवा एयरपोर्ट विन्ध्य के उन्नत उडान के लिए स्वर्णिम पंख लगाने जा रहा है।
जताया आभार
रीवा एयरपोर्ट के फलितार्थ होने में भी परिश्रम की पराकाष्ठा शामिल है। मैं आभारी हूँ तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का, मुझे वह तारीख 13 जनवरी 2015 आज भी याद है, जब उन्होंने सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को रीवा में एयरपोर्ट की संभावनाओं के अध्ययन के लिए पत्र लिखा। इसके बाद वह सिलसिला चल निकला। प्रधानमंत्री जी ने किफायती दरों वाली उडान योजना लांच की तो उन्हीं की कृपा से रीवा ‘उडान’ में शामिल हो गया। जब जनसेवा का भाव और संकल्प प्रबल होता है तब दैवयोग से सभी कार्य ऐसे ही सधते जाते हैं, जैसे कि रीवा एयरपोर्ट की कल्पना और उसे अब यथार्थ के धरातल पर उतरते हुए देखना। मैं विन्ध्यजनों की ओर से, रीवा के नागरिकों की ओर विनयवत हूँ, आभारी और कृतज्ञ हूँ।
(लेखक-मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री हैं)