भोपाल।
बीते साल कुपोषण को दूर करने के लिए प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आंगनवाडी केन्द्रों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सप्ताह में तीन बार अंडे देने का फैसला किया था, लेकिन अब इस पर ब्रेक लगता हुआ नजर आ रहा है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त विभाग ने महिला एवं बाल विकास विभाग को बजट देने से इंकार कर दिया है।वित्त विभाग का साफ कहना है कि विभाग के लिए मंजूर मौजूदा बजट से ही यदि अंडा खिलाया जा सकता है तो इस पर ध्यान दें।
दरअसल, लगभग 17 से 18 लाख बच्चों-महिलाओं को सप्ताह में तीन दिन अंडा दिया जाना है। इस पर सालाना करीब 135 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। पूर्व में अनुमान था कि 113 करोड़ रुपए खर्च होंगे, लेकिन 10 लाख बच्चों को मिलाकर यह संख्या 18 लाख तक पहुंच सकती है। इसलिए बजट बढ़ जाएगा। जिसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था। लेकिन वित्त विभाग ने कहा है कि विभाग के लिए मंजूर मौजूदा बजट से ही यदि अंडा खिलाया जा सकता है तो इस पर ध्यान दें।अतिरिक्त बजट नहीं दिया जा सकता।जो पैसा अभी मिलता है, उसी में काम करना होगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने कहा कि अतिरिक्त बजट के बिना इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ा जा सकता। जो अंडा नहीं खाएंगे, उन्हें उतनी ही राशि के फल दिए जाने हैं। अंडा अथवा फल पूर्व में मिलने वाले मिड-डे मील अथवा पोषण आहार के अतिरिक्त होगा। इसलिए बजट की जरूरत पड़ेगी।