BHOPAL NEWS : संघर्षरत शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण 2018 के अभ्यर्थी खासे हताश है, उनका कहना है कि चुनावी वर्ष में जहां मामा जी सबको साध रहे हैं, मुफ्त की रेवड़िया बांट रहे हैं, ऐसे में वह इन रेवड़ियों से सीधे-सीधे वोट खरीदने का प्रयास कर रहे हैं जो मुद्दे राज्य में व्याप्त थे, जिनकी जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के संज्ञान में भी थी, उनका निराकरण आज तक नहीं हुआ सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन मिले।
संघर्षरत शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण 2018 के अभ्यर्थीयों का आरोप
संघर्षरत शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण 2018 के अभ्यर्थी ने कहा कि उन्हे धोखे पर धोखे देकर छल किया गया। सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी था ऐसे ही शिक्षक भर्ती 2018 में 10 वर्षों बाद आई थी जिसे विभाग ने पंचवर्षीय योजना बना दिया। अपनी मनमानी करते हुए नियमों में संशोधन किया और अभ्यर्थियों का भविष्य और उनके माता-पिता, मासूम बच्चें परिवार आदि के सपने चौपट कर दिए। 2018 शिक्षक भर्ती से उम्मीद लगाए हजारों चयनित अभ्यर्थियों का भविष्य चौपट होने जा रहा है। लगातार संघर्षरत शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण 2018 के अभ्यर्थी अनगिनत आंदोलन प्रदर्शन कर चुके हैं, बावजूद उसके विभाग तथा सरकार आज तक इन अभ्यर्थियों के प्रति निरंकुश बनी रही।
अभ्यर्थी दर-दर के ठोकरे खाने को मजबूर
नियम पुस्तिका 2018 में जारी हुए पदों में से आधे से अधिक पदों के रिक्त होने के बावजूद आज भी अभ्यर्थी दर-दर के ठोकरे खाने को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री की सभाओं में हजारों ज्ञापन सौंपने के बाद भी उनकी कहीं सुनवाई नहीं है। मध्य प्रदेश में ऐसा कोई नेता, मंत्री, जनप्रतिनिधि या विभागीय अधिकारी शेष नहीं है जिसे इन अभ्यर्थियों ने अपने अधिकारों के लिए गुहार ना लगाई हो, परंतु आज तक उनकी मांगों को अनसुना और नजरअंदाज कर सभी जिम्मेदार, गैरजिम्मेदाराना कार्य करते रहे। बार-बार विभाग ने नियमों की अनदेखी कर नियमों का उल्लंघन किया और अपनी मनमानी करते हुए शिक्षक भर्ती को अधूरा छोड़ दिया।
अभ्यर्थी हुए मुखर
ऐसे में अब अभ्यर्थी भी मुखर हो गए हैं, नेतृत्वकर्ता चयनित शिक्षिका रक्षा जैन का कहना है की जिन अभ्यर्थियों की संख्या मुख्यमंत्री जी गलती से 20 से 25हजार समझ रहे हैं, वह संख्या वास्तव में इतनी नहीं है, जिसे वह केवल एक व्यक्ति समझ रहे हैं असल में वह एक व्यक्ति नहीं है वह एक पूरा परिवार है, उनसे एक पूरा समाज जुड़ा हुआ है, गांव के लोग भावनात्मक तरीके से एक दूसरे से जुड़े होते हैं। क्योंकि शिक्षक समाज के लिए होता है और शिक्षकों की कमी से केवल एक व्यक्ति नहीं पूरा समाज प्रभावित होता है। यदि सरकार केवल यह सोचकर चलती है कि यह मात्र 20-25 हजार लोग हैं, तों यह सरकार की गलती है, यह 20-25 लाख परिवार है जो मध्य प्रदेश के 55 जिलों में फैले हुए हैं। जब यह वोट करेंगे तो सत्ता परिवर्तन भी कर सकते हैं। चयनित शिक्षिका रचना व्यास ने बताया कि हमारे साथियों ने यह फैसला किया है कि जो पार्टी हमारी मांग को पूर्ण करेंगी हम उस पार्टी का समर्थन करेंगे, जो रोजगार की बात करेगी, हम उसके साथ होंगे।
मुफ्त की रेवड़िया
चयनित शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि मुफ्त की रेवड़िया बांट कर किसी को ठग नहीं सकते।आज का युवा पढ़ा-लिखा शिक्षित युवा है, उसे अपना हित और अहित सब समझ आता है। इन्हें मुफ्त की रेवडियां बांटकर आप ठगने का प्रयास न करें । मामा जी और लाड़ले भैया भावनात्मक तरीके से बनाए गए रिश्ते के आधार पर जनता को धोखा नहीं दे सकते। इसलिए जो शिक्षक भर्ती 2018 उच्च माध्यमिक और माध्यमिक में पद वृद्धि तृतीय काउंसलिंग नियोजन प्रक्रिया आरंभ करके चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करेगा । यह अभ्यर्थी उसका समर्थन करेंगे अन्यथा ना तो वोट देंगे और ना अपने परिवार को वोट देने जाने देंगे। चुनाव का बहिष्कार करेंगे इन्होंने ठान लिया है। चयनित अभ्यर्थियों का कहना है कि हम किसी पार्टी से संबंधित नहीं है, हम सिर्फ शिक्षक बनना चाहते हैं। परंतु सरकार का आज तक का रवैया जो हमारे प्रति सुस्त बना रहा, वह कहीं ना कहीं हमें आगमी चुनाव का बहिष्कार करने पर मजबूर कर रहा है और उसी के कारण हम इस तरह कार्य करने को मजबूर है।