Aggrieved candidates of MP Teacher Recruitment 2018 became active: मध्य प्रदेश में चुनाव खत्म होने के बाद एक बार फिर शिक्षक भर्ती 2018 के पीड़ित अभ्यर्थी सक्रिय हो गए हैं। अभ्यर्थियों द्वारा मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री से मिलकर लगातार फाइल और ज्ञापन सौंपकर उनसे शिक्षक भर्ती को पूरा करने की विनती और गुहार लगा रहे हैं, जिससे हजारों योग्य अभ्यर्थियों का भविष्य संवर सके। न्याय की आस में आज भी मध्य प्रदेश का युवा बेरोजगार शासन-प्रशासन के अधिकारियों और मंत्रियों का चक्कर काट रहा है। आपको बता दें शिक्षक भर्ती 2018 का मुद्दा बीते कई सालों से चल रहा है, जहां योग्य अभ्यर्थी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि, मध्य प्रदेश में सरकारी बदली लेकिन युवाओं के बदहाली की सूरत नहीं बदली। आज भी योग्य अभ्यर्थी परेशान होकर बेरोजगारी की मार झेल रहा है। पीड़ित अभ्यर्थियों द्वरा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के शासनकाल से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार में भी निरंतर ज्ञापन सौंप कर न्याय की आस लगाए बैठे हैं।
शिक्षा मंत्री से लगातर मिलकर मांग पत्र सौंप रहे पीड़ित अभ्यर्थी
शिक्षक भर्ती 2018 में चयनित अभ्यर्थियों ने 4 जनवरी को राजधानी भोपाल पहुंचकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा एवं शिक्षा मंत्री को भर्ती पूरा कराने के लिए फाइल सौंपी। वहीं, शिक्षा मंत्री जहां पहुंच रहे हैं वहां अभ्यर्थी मांग पत्र सौंप रहे हैं। 14 जनवरी को राहगीरी आनंद उत्सव, उज्जैन पहुंच कर शिक्षक भर्ती के पीड़ित अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी को फाइल सौंप कर शिक्षक भर्ती 2018 को जल्द पूरा करने की गुहार लगाई है। जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया कि जल्द ही इस समस्या का निपटारा किया जाएगा।
भर्ती पूरी कराए बिना नई परीक्षा की गई आयोजित
आपको बता दें विभाग द्वारा जो पद 2018 में निकाले गए थे वो आज खाली है। वहीं, भर्ती से संबंधित कई मामले उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। इस भर्ती के अपूर्ण होने के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 2023 में नई परीक्षा आयोजित करा ली गई जबकि 2018 के रिक्त पदों के लिए अभ्यर्थी भी उपलब्ध थे। शिक्षा विभाग द्वारा एक भर्ती को पूरा किए बिना ही दूसरी भर्ती को निकाल दिया, जिससे हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार मय हो गया। ऐसे अभ्यर्थी जो 10 सालों से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं, मेरिट होल्डर भी है वो आज दर-दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर हैं।
लोकसभा चुनाव के आचार संहिता लगने के पहले घोषित किये जाए नतीजे
वहीं, इस मामले में संगठन प्रमुख रक्षा जैन और रचना व्यास का कहना है कि जब 2018 की भर्ती ही पूरी नहीं कराई गई है तो नई भर्ती 2023 के नतीजे आना कितना सही होगा। उन्होंने कहा कि पहले 2018 की भर्ती को न्याय संगत तरीके से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले पूर्ण किया जाए उसके बाद ही नई भर्ती परीक्षा के नतीजे घोषित किये जाए।
ये है अभ्यर्थियों की मांग
शिक्षक भर्ती 2018 (सीधी भर्ती) के लिए स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातिय कार्य विभाग ने एक ही एग्जाम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड से कंडक्ट कराया था उस भर्ती के लिए दोनों विभागों ने अलग-अलग काउंसलिंग आयोजित की जिसके कारण कई अभ्यर्थियों के नाम दोनों विभाग में आए और मेरिट क्रम के अभ्यर्थी नियुक्ति लेने से वंचित रह गए। वहीं दोनो विभागों ने कई बार भर्ती प्रक्रिया के बीच-बीच में नियमों में संशोधन कर दिया। जिसके कारण भी कई अभ्यर्थियों को निराशा ही हाथ आई। 2018 के अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके लिए शेष रहे पदों के साथ पद वृद्धि करते हुए एक और नियोजन प्रक्रिया आयोजित की जाए।
हजारों योग्य अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका
पूर्व शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के समय पर शिक्षक भर्ती निकली थी, जोकि वर्तमान शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के शासन में भी अधर में लटकी हुई है। जिसके कारण हजारों योग्य अभ्यर्थियों का भविष्य भी अधर में लटका हुआ है। जो अभी भी नियुक्ति की आस में आयु सीमा को पार कर रहे हैं।
यह है शिक्षक भर्ती (सीधी) 2018 का अब तक का पूरा घटनाक्रम
कुल पदों की संख्या
- उच्च माध्यमिक -17000
- प्रथम काउंसलिंग में शामिल-15000
- द्वितीय काउंसलिंग-2000
रिक्त पदों की संख्या (पहली काउंसलिंग के बाद) 5935 थी। वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक के बाद वर्तमान में रिक्त पदों की कुल 7935 संख्या हो गयी है।
कुल पदों की संख्या माध्यमिक शिक्षक-5600
- विज्ञान-50
- सामाज विज्ञान-50
- हिंदी-100
- संस्कृत-100
- अंग्रेजी-3000
- गणित-2300
2022 को जारी विज्ञापन के अनुसार रिक्त पदों की संख्या
- उच्च माध्यमिक-2750
- माध्यमिक-5600
29/09/2022 को जारी विज्ञापन के अनुसार उच्च माध्यमिक शिक्षक तथा माध्यमिक शिक्षकों के लिए योग्यता अर्जन की तिथि विज्ञापन जारी होने की तिथि अर्थात 29/09/2022 घोषित की गई जबकि परीक्षा के फॉर्म सितंबर-अक्टूबर 2018 में भर चुके थे और परीक्षा जनवरी से मार्च 2019 में आयोजित हो चुकी थी जिनके परिणाम 2019, 2020 में आए। ऐसे में योग्यता अर्जन की तिथि विज्ञापन जारी होने की तिथि करना एक सवाल खड़ा करता है कि जब अभ्यर्थी की योग्यता पूर्ण नहीं थी तो उसने किस आधार पर फॉर्म भरकर परीक्षा दी और अब विभाग उसे अवसर प्रदान कर रहा है कि वह उक्त प्रक्रिया में हिस्सा लेकर नियुक्ति प्राप्त कर सकें। किसी भी आधार पर यह न्याय संगत नहीं है।