आदि शंकराचार्य के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘विद्रोही सन्यासी,’ अपने सेगमेंट की टॉप 10 किताबों में शुमार

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। “विद्रोही सन्यासी” एक ऐसी पुस्तक है जो आदि शंकराचार्य के जीवन वृतांत पर आधारित है। राजीव शर्मा द्वारा लिखी गयी पुस्तक विद्रोही सन्यासी हिन्दुस्थान के चार पीठ और हिन्दू धर्म ध्वज के चार शंकराचार्य इस परंपरा को स्थापित करने वाले आदि शंकराचार्य के जीवन पर आधारित है।

पुस्तक के लेखक राजीव शर्मा ने आदि शंकराचार्य के समस्त जीवन और कार्यों को क्रमवार इस पुस्तक में समेटने का प्रयास बहुत ही सुंदर रूप से किया है। पुस्तक पढ़कर पता चलता है कि इसमें आदि शंकराचार्य जी के जीवन वृतांत को खोजने में एक बड़ा शोध किया गया है। बचपन से लेकर 32 वर्ष की आयु तक आदि शंकराचार्य जी के सम्पूर्ण भारत वर्ष और नेपाल तक की यात्रा तथा प्रत्येक स्थान पर दिए गए उपदेश उस स्थान की परिस्थिति के अनुसार चित्रित किये गए हैं। यह लेखक राजीव शर्मा की मेहनत को परिलक्षित करता है।
विद्रोही सन्यासी की विषय वस्तु को राजीव शर्मा ने शैव और वैष्णव के आपसी कलह और विवाद से लेकर बौद्ध धर्म के प्रसार से लिया है। विद्रोही सन्यासी की यह विषय वस्तु पुस्तक को आगे पढ़ने की रुचि जाग्रत करती है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।