भोपाल।
आने वाले 15 दिनों के भीतर मध्य प्रदेश की कांग्रेस में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मध्य प्रदेश के प्रभारी दीपक बावरिया ने इस बात के संकेत दिए हैं। दरअसल सरकार बनने के सवा साल बाद अभी तक न तो निगम मंडलों की नियुक्तिया की गई है और ना ही पार्टी में संगठनात्मक बदलाव हुए हैं ।प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की दोहरी भूमिका निभा रहे कमलनाथ चाहते हैं कि पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए अब उन लोगों को जवाबदेही दी जाए जो 15 साल की बीजेपी सरकार को उखाड़ कर कांग्रेस की सरकार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे हैं।
बावरिया पहले ही कह चुके हैं कि अब कार्यकर्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिए ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर पर समन्वय समिति में बनाकर उनके माध्यम से ही जिलों में समस्याएं सुलझायी जाएंगी। इसके माध्यम से मंडल और जिले स्तर पर नियुक्तिया करने की व्यवस्था की जा रही है। पिछले 5 सालों से जिलाध्यक्ष के पद पर काबिज जितने भी जिलाध्यक्ष हैं ,उन सब को हटाकर अब नए चेहरों को सामने लाया जाएगा लेकिन जो जिले अच्छे काम कर रहे हैं वहां ऐसा नहीं किया जाएगा ।
निगम मंडल के दावेदार भी प्रतीक्षा में है, सो अगले 15 दिनों में इसकी प्रक्रिया भी शुरू होने जा रही है। कांग्रेस में इस समय ज्योतिरादित्य सिन्धिया,कान्तिलाल भूरिया, अरुण यादव, अजय सिंह, सुरेश पचौरी, शोभा ओझा, अभय दुबे, नरेंद्र सलूजा, दुर्गेश शर्मा, प्रताप भानु शर्मा ,रामनिवास रावत जैसे कई चेहरे हैं जो नई भूमिका की तलाश में है ।इन सब को इनकी काबिलियत के हिसाब से नई जगह दी जा सकती है। कांग्रेस यह प्रक्रिया नगरीय निकाय चुनाव से पहले कर लेना चाहती है ताकि एक मैसेज जाए कि कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत का फल मिला।