भोपाल।
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस में प्रदेश नेतृत्व में बदलाव की मांग तेजी से उठ रही है। प्रदेशाध्यक्ष की कमान सिंधिया को मिले इसके लिए समर्थक मंत्री-विधायक एकजुट हो रहे है।कमलनाथ सरकार में मंत्री इमरती देवी और जीतू पटवारी के बाद प्रद्युम्नसिंह तोमर, तुलसीराम सिलावट, विधायक सुरेश धाकड़ ‘राठखेड़ा” व मुन्नालाल गोयल, पूर्व विधायक राजेंद्र भारती व हेमंत कटारे, पीसीसी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी भी अब सिंधिया के नाम की वकालत कर रहे है।इधर राहुल के कहने पर सिंधिया मंगलवार को दिल्ली पहुंचे और वेणुगोपाल से भी चर्चा की है जिसके बाद सिंधिया को प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की अटकलें तेज हो गईं। हालांकि बड़े नेताओं का कहना है कि अंतिम निर्णय राहुल गांधी ही लेंगें।
परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि सिंधिया अगर प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो कार्यकर्ताओं में जोश आएगा।सिंधिया जी की भूमिका राहुल गांधी तय करेंगे क्योंकि वे पार्टी अध्यक्ष है। अगर मध्यप्रदेश में उन्हें अध्यक्ष बनाकर भेजते हैं तो सिंधिया कैंप ही नहीं पूरे प्रदेश में सबको खुशी होगी, क्योंकि हम सभी उनके काम करने की क्षमताओं को जानते हैं।तुलसीराम सिलावट का कहना है कि सिंधिया को हाईकमान ने जब भी जो भी जिम्मेदारी दी है, उसे उन्होंने समर्पित भाव से निभाई है।वही सुरेश धाकड़ ‘राठखेड़ा” का कहना है कि सिंधिया युवा हैं और उन्हें पीसीसी अध्यक्ष बनाए जाने से संगठन मजबूूत होगा। सिंधिया को पीसीसी अध्यक्ष बनाने के समर्थन में हाईकमान को पत्र भी लिखेंगे। इधर समुन्नालाल गोयल ने कहा कि अगर नया पीसीसी अध्यक्ष बनाया जाता है तो सिंधिया से बेहतर विकल्प कोई दूसरा नहीं है।इसके अलावा भारती ने कहा कि सिंधिया जन नेता हैं और उन्हें पीसीसी अध्यक्ष बनाया जाता है तो संगठन की ताकत बढ़ेगी।
इससे पहले मंत्री इमरती देवी खुलकर कह चुकी है कि अब मध्य प्रदेश की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिलनी चाहिए। मैं पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मांग करूंगी कि महाराज को प्रदेश की कमान सौंपें। इमरती देवी का तो यह भी कहना है कि हारे हुए बड़े नेताओं को पार्टी में बड़े पद दिए जाएं। इससे कांग्रेस मज़बूत होगी।वही जीतू पटवारी भी प्रदेशाध्यक्ष के लिए सिंधिया का नाम आगे बढ़ा चुके है हालांकि उन्होंने अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान को लेने को कहा है।इससे पहले वरिष्ठ नेता गोविंद गोयल, वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा के बेटे वरुण तन्खा और दिग्विजय सिंह के विधायक भाई लक्ष्मण सिंह भी प्रदेश संगठन में बदलाव की मांग कर चुके है।