भोपाल| मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में कलेक्टर की तानाशाही का मामला सामने आया है| जहां जनसुनवाई में छात्रों के ड्रेस घोटाले की शिकायत लेकर पहुंचे पालक संघ के सचिव को कलेक्टर अनुग्रह पी ने अपने चपरासी के द्वारा एफआईआर दर्ज करा दी| उनके खिलाफ शासकीय कार्य मे बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है। जनसुनवाई में पहुंचे पालक संघ के सदस्यों को कलेक्टर ने धक्का देकर बाहर निकलवा दिया| एक तरफ मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने ऊपर की गई टिप्पणी के बाद भी लोगों को माफ़ कर रहे हैं| पिछले दिनों उन्होंने एक शिक्षक को माफ़ी देकर निलंबन वापस ले लिया था| वहीं अधिकारी ही सरकार की किरकिरी करवाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ रहे हैं| जनसुनवाई का आयोजन समस्याओं के निराकरण और जनता की शिकायतों को सुनने के लिए होता है, लेकिन कलेक्टर के इस तानाशाही रवैये से अब लोग प्रशासन से अपनी बात कहने में भी हिचकिचाएंगे| जबकि सीएम अधिकारियों को अपने स्तर पर ही मामलों के निराकाण के निर्देश दे चुके हैं| लेकिन इस तरह के मामले सामने आने से सरकार की किरकिरी हो रही है|
दरअसल, पालक संघ के सचिव अभिनन्दन जैन ने जनसुनवाई में आवेदन देकर गुहार लगाई कि पहले स्कूलों में ड्रेस का वितरण छात्रों के खाते में राशि डालकर किया जाता था और छात्र पैसों से ड्रेस खरीद लेते थे, लेकिन इस बार समूहों को काम दे दिया गया है, जिससे घटिया ड्रेस का निर्माण हुआ है। ड्रेस का निर्माण समूहों से न कराकर सीधे राशि बच्चों के खाते में डाली जाए जिससे वह अच्छी क्वालिटी की ड्रेस खरीद सकें। पालक संघ ने कार्रवाई की बात कही तो कलक्टर सहित जिला पंचायत सीईओ सैंपल रिपोर्ट में सब कुछ सही होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाडऩे का प्रयास करने लगे। हर बार जांच के नाम पर मामले को टालने का जब विरोध किया तो कलक्टर व अन्य अधिकारियों के इशारे पर वहां तैनात पुलिस जवानों ने पालक संघ के लोगों को धकियाते हुए बाहर कर दिया। इसके बाद अभिनंदन ने इसकी शिकायत एसपी राजेश हिंगणकर से भी की। वहीं कलेक्टर ने अपने चपरासी से पालक संघ के सचिव अभिनन्दन जेन पर एफआईआर दर्ज करा दी और शासकीय कार्य मे बाधा का मामला दर्ज करा दिया।
इसी तरह का मामला कुछ दिनों पहले नरसिंहपुर में भी सामने आया था| जहां तत्कालीन कलेक्टर ने सड़क की समस्या को लेकर जनसुनवाई में पहुंचे एक वृद्ध को जेल भिजवा दिया था| कलेक्टर के इस फैसले का पुरजोर तरीके से विरोध हुआ था| यह मामला खूब गरमाया था और क्षेत्र के लोग भी कलेक्टर के खिलाफ सड़कों पर उतर आये थे और कार्रवाई के लिए मांग की गई थी| चुनाव के बाद नई सरकार बनते ही पहली ही सर्जरी में तत्कालीन कलेक्टर की कलेक्टरी छिन गई | जिसके बाद नरसिंहपुर में लोगों ने जश्न भी मनाया था| इस तरह के रवैये से सरकार की किरकिरी होती है और लोगों का आक्रोश सरकार के खिलाफ बढ़ता है|