कोरोना इफेक्ट : जेल में बंद भाईयों के माथे पर तिलक नहीं कर सकेंगी बहने

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। उप चुनावों (By-election) में और दिवाली (Diwali) के पहले बाजारों में उमड़ी भीड़ ने एक बार फिर कोरोना संक्रमण (Corona infection) के खतरे को बढ़ा दिया है। मतदान (Voting) से पूर्व जहाँ संक्रमितों की संख्या में कमी आई थी लेकिन अब वही आंकड़ा बढ़ने लगा है। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शिवराज सरकार (Shivraj government) ने प्रदेश की जेलों में दिवाली की दूज पर होने वाली मुलाकात को निरस्त कर दिया है।

दिवाली के त्योहार का उत्साह जहाँ सभी को रहता है वहीं दिवाली के बाद आने वाली दोज का इंतजार बहन को विशेष तौर पर रहता हैं इस दिन बहन भाई के माथे पर तिलक कर उसके दीर्घायु होने की कामना करती है ऐसे में यदि भाई जेल में बंद हो तो ये इंतजार बहुत बढ़ जाता है, लेकिन अफसोस इस बार कोरोना संक्रमण ने बहनों के इंतजार को कुछ ज्यादा ही बढ़ा दिया है ।

राज्य शासन ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिवाली के बाद 16 नवंबर को भाई दोज के मौके पर भाई बहन की होने वाली मुलाकात को निरस्त कर दिया है। राज्य शासन का ये आदेश केंद्रीय जेल, जिला जेल और उप जेलों पर प्रभावशील होगा। शासन के इस आदेश के बाद जहाँ जेल प्रशासन थोड़ी राहत की सांस ले रहा है क्योंकि कोरोना काल में मुलाकात कराना बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी वहीं इस आदेश के बाद भाई और बहन थोड़े मायूस हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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