भोपाल। प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी को लेकर सियासत गर्मा गई है। तीसरे एवं चौथे चरण के मतदान से पहले विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। वहीं सरकार ने कर्जमाफी को लेकर भाजपा की ओर से लगाए गए आरोपों का तीखा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पलटवार करते हुए कहा कि 13 साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद भी उन्हें कर्जमाफी के बारे में नहीं पता। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत बंैक समझौते के तहत किसानों के फसल ऋण को माफ करेंगे।
कमलनाथ ने बताया कि प्रदेश में 75 फीसदी फसल ऋण का कर्जा राष्ट्रीयकृत बैंक और 25 फीसदी कर्जा कॉपरेटिव बैंकों का है। कॉपरेटिव बैंकों को किसान का पूरा कर्जा माफ करने पर सरकार पैसे देगी। जबकि राष्ट्रीयकृत बैंकों ने 75 फीसदी कृषि कर्ज दे रखा है। अब राष्ट्रीयकृत बैंक समझौते योजना के तहत बैंकों का कर्जा माफ करेंगे। हालांकि बैेंक कर्जमाफी का कोई नोडयूज नहीं देंगे। यदि किसी किसान का 2.50 लाख का कृषि कर्ज है, तब 1 लाख रुपए बैंक केा सरकार देगी। 25 हजार किसान को देने होंगे। जबकि शेष सबा लाख रुपए बैंक खुद माफ करेगा। यहां बता दें कि कर्ज माफी योजना के तहत राज्य शासन द्वारा 31 मार्च, 2018 की स्थिति में 2 लाख रूपये तक के चालू/पीए एवं कालातीत/एनपीए ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया था। योजना में प्राप्त कुल 51.61 लाख आवेदनों में से 24.83 लाख आवेदकों के ऋण खाते पात्र पाये गये थे। इनमें से 20 लाख किसानों के खातों में 10 मार्च, 2019 तक ऋण माफी की राशि ट्रांसफर कर दी गई थी। शेष 4,83,016 किसानों के बैंक खातों में निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के कारण तत्समय ऋण माफी की राशि ट्रांसफर नहीं की जा सकी थी।
…डिफाल्टर होना होगा
राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्जमाफी का लाभ लेने से पहले किसानों को डिफाल्टरों की सूची में डाला जाएगा। क्योंकि चालू खाते में समझौता नहींं होता है। इसके बाद किसानों को समझौता योजना के तहत किसानों का कर्जा माफ करना होगा।
चुनाव बीतने वाले क्षेत्रों में कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू
कर्जमाफी के 10 मार्च 2019 से पूर्व पंजीकृत पात्र 4,83,016 किसानों के बैंक खातों में ऋण माफी की राशि ट्रांसफर की जायेगी। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य शासन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस निर्णय का लाभ उन जिलों के किसानों को मिलेगा, जहाँ लोकसभा निर्वाचन-2019 के अंतर्गत मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है।