Fri, Dec 26, 2025

भारत का अनोखा VVIP पेड़, इसकी देखभाल और सुरक्षा में खर्च होते हैं लाखों रुपए

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
भारत का अनोखा VVIP पेड़, इसकी देखभाल और सुरक्षा में खर्च होते हैं लाखों रुपए

VVIP Tree in MP : हमारे देश में एक-से-बढ़कर एक तरह के पेड़-पौधे पाए जाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसा स्थान है, जहां VVIP पेड़ है। जिसकी देखरेख के लिए हर महीने एक लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी की प्रधानमंत्री, राष्‍ट्रपति, सेलिब्रिटी, बिजनेसमैन या अन्‍य वीवीआईपी लोगों को मिलने वाली सुरक्षा इस पेड़ को दी जाती है। जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना है। इस पेड़ को बहुत पवित्र माना जाता है। जिसकी सुरक्षा में 4 गार्ड 24 घंटे तैनात रहते हैं। आइए विस्तार से जानें आखिर क्या है इसकी खासियत…

सुरक्षा में खर्च होते हैं लाखों रुपए

दरअसल, यह वीवीआईपी पेड़ भारत के मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और विदिशा के बीच सलामतपुर की पहाड़ी पर स्थित है। सौ एकड़ की पहाड़ी पर लोहे की लगभग 15 फीट ऊंची जाली अंदर लगा बोधि वृक्ष का यह पेड़ भारतीय संस्कृति और परंपरा में एक विशेष स्थान रखता है। जिसे लाखों लोग पवित्र मानते हैं। चार गार्ड हर पल इसकी देखरेख करते हैं, जिससे यह सुरक्षित रहता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेड़ के रखरखाव में हर साल लगभग 12-15 लाख रुपये खर्च होते हैं।

आखिर क्यों खास है ये पेड़

बता दें कि इस बोधि वृक्ष को श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे ने 21 सितंबर साल 2012 को रोपा था। जिसका बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए इसका काफी ज्यादा महत्व है क्योंकि बौद्ध धर्मगुरू चंद्ररतन के अनुसार, तथागत बुद्ध ने बोधगया में इसी पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था। इस पेड़ की शाखा भारत से सम्राट अशोक द्वारा श्रीलंका ले जाई गई थी और उसे अनुराधापुरम में लगाया गया था। बाद में उसी पेड़ की एक और शाखा को सांची बौद्ध विश्वविद्यालय की जमीन पर लगाया गया जो इसे बौद्ध संस्कृति के लिए खास और प्रतीकात्मक स्थान बनाता है।

भेजा जाता है पानी का टैंकर

वहां तैनात सुरक्षा गार्ड का कहना है कि यहां 24 घंटे 4 से 5 गार्ड ड्यू्टी पर रहते हैं। इस पेड़ को देखने पूरे प्रदेशभर से पर्यटक आते हैं लेकिन कुछ दिनों से उनका आना कम हुआ है। इसकी सिंचाई के लिए सांची नगरपालिका द्वारा अलग से पानी का टैंकर भेजा जाता है ताकि देखभाल में किसी प्रकार की कोई कमी ना आए। केवल इतना ही नहीं, पेड़ को बीमारी से बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी हर हफ्ते दौरा करते हैं जो कि जिला कलेक्टर की निगरानी में होता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)