भोपाल।
स्टायपेंड ना मिलने से नाराज होम्योपैथिक पीजी डॉक्टरों आज बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास शिकायत करने पहुंचे। यहां उन्होंने प्रमुख सचिव शिखा दुबे पर भेदभाव के गंभीर आरोप लगाए। डाक्टरों का कहना है कि स्टायपेंड बढ़ाने के बाद से पिछले 8 महीने से उन्हें स्टायपेंड नहीं दिया गया है। जुलाई 2018 से उन्हें स्टायपेंड नहीं मिला है।इसके साथ ही डॉक्टरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 1 महीने में स्टायपेंड नही मिला तो वे सीएम के बंगले के बाहर अनिश्चितकालीन तक धरना देंगे, जिसके जिम्मेदारी सरकार ही होगी।
दरअसल, आयुर्वेद एवं होम्योपैथी कॉलेज के पीजी छात्र स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले साल जुलाई में हड़ताल पर चले गए थे। दोनों कॉलेजों में लगभग 14 दिन तक चली हड़ताल के बाद सरकार ने स्टायपेंड बढ़ा दिया था। अक्टूबर में प्रदेश के सरकारी आयुर्वेद एवं होम्योपैथी कॉलेज के पीजी एवं यूजी छात्रों का स्टायपेंड बढ़ाने के आदेश भी जारी हो गए थे। होम्योपैथी कॉलेज के छात्रों का कहना है कि जुलाई में हुई हड़ताल के बाद सरकार ने उनका स्टायपेंड रोक दिया था। जुलाई से जनवरी आ गई, लेकिन विभाग ने उनका स्टायपेंड जारी नहीं किया है। जिसके कारण उनमें रोष व्याप्त हो गया है और वे आज मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने पहुंचे थे।
बता दे किअपने हक की मांग कर रहे जूनियर डॉक्टर आठ माह में कॉलेज प्रबंधन से लेकर आयुष विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं। होम्योपैथी कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि आठ माह से स्टायपेंड की एक भी किस्त नहीं मिल पाने से ज्यादातर जूडा की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। आर्थिक तंगी के चलते काॅलेज के 70% से ज्यादा छात्र-छात्राएं नए सत्र की फीस तक नहीं भर पाए हैं। कॉलेज में हर साल दिसंबर में नए सत्र की फीस भरनी होती है। जूनियर डॉक्टर्स का कहना है स्टायपेंड नहीं मिलने से उधार लेने की स्थिति बन गई है।
इधर 108 एंबुलेस कर्मचारी संघ का धरना
वही शिवराज सरकार की नाक में दम करने वाले 108 एंबुलेस कर्मचारी संघ ने अब नीलम पार्क में धरना शुरु कर दिया है।कर्मचारी मांग किए हुए है कि होल्ड कर्मचारियो को तत्काल ज्वानिंग दी जाए और श्रमिक अधिकारों का पालन किया जाए। बता दे कि108 सेवा संचालन के जिगित्सा हेल्थ केयर प्रा. ली. कम्पनी संचालित करती है। कम्पनी ने 2008 और 2013 के कर्मचारियों को होल्ड कर रखा है लगभग 400 कर्मचारियो को होल्ड कर रखा है, जिसके चलते कर्मचारियों में रोष व्याप्त हो गया है।