कांग्रेस ने व्यापम घोटाले को लेकर किए सवाल, केके मिश्रा ने पूछा ‘परिवहन आरक्षक घोटाले के मास्टर माइंड और महत्वपूर्ण किरदार कौन’

कांग्रेस नेता ने कहा कि जब व्यापमं के विज्ञापनों में 198 सीटों को भरे जाने का उल्लेख था तो 332 सीटें कैसे भरी गई और बाद में पुरानी तिथियों में जो फर्जी दस्तावेज बनाए गए। उन्होंने पूछा कि जब महिलाओं के लिए साज़िश के तहत असंभव सी कठोर अहर्ता सुनिश्चित की गई, तो चयनित पुरुषों को फ़िज़िकली टेस्ट की आवश्यक निर्धारित अहर्ता में छूट दिये जाने संबंधित सरकारी आदेश क्यों, किसने, किसके दबाव में और किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए निकाला गया। 

Congress demands answers : कांग्रेस ने व्यापम घोटाले को लेकर सवाल किया है कि परिवहन आरक्षक घोटाले के “संगठित अपराध” के मास्टर माइंड और महत्वपूर्ण किरदार कौन-कौन हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 12 साल बाद 45 परिवहन आरक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने के आदेश दिए हैं जिसके बाद पिछले दिनों सरकार आरक्षकों की बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए हैं। इसे लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है।

बता दें कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा नेकुछ दिन पहले इस मुद्दे पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तत्कालीन परिवहन मंत्री जगदीश देवड़ा के इस्तीफे की माँग भी की थी। उन्होंने कहा कि अगर वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो पीएम मोदी को वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को और मुख्यमंत्री मोहन यादव वर्तमान में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा को बर्खास्त करना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने भूपेंद्र सिंह से सार्वजनिक माफी की माँग भी की थी।

केके मिश्रा ने पूछे प्रश्न

केके मिश्रा ने इस मुद्दे को उठाते हुए एक्स पर लिखा है कि इस “संगठित अपराध” के महत्वपूर्ण किरदार कौन-कौन हैं। उन्होंने कहा कि ‘व्यापमं के माध्यम से हुई परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012 के परिणामों में हुई अनियमितता/ भ्रष्टाचार के बाद सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद 45 आरक्षकों की 12 सालों हुई बर्ख़ास्तगी के बाद अब यह सार्वजनिक होगा कि इस “संगठित अपराध” के मास्टर माइंड और महत्वपूर्ण किरदार कौन-कौन हैं। क्या यह ग़लत है कि महिलाओं की हाईट योजनाबद्ध तरीक़े से एक साज़िश के तहत 5 फूट 8 इंच इसलिये पूर्व निर्धारित कर ली गई थी कि इस हाईट की महिलायें सामान्यतः भारत में होती ही नहीं हैं,ताकि इनकी अनुपलब्धता पर भ्रष्टाचार के माध्यम से अन्य भर्तियां की जा सकें। आईएएस और आइपीएस के लिए भी इतनी अहम आहर्ताओं की बाध्यता निर्धारित नहीं है। इस विषयक जब व्यापमं के विज्ञापनों में 198 सीटों को भरे जाने का उल्लेख था,तो 332 सीटें कैसे भारी गईं, बाद में पुरानी तिथियों में जो फर्जी दस्तावेज बनाए गए (इसमें कौन-कौन सचिव,प्रमुख सचिव,ACS शामिल हैं,उनकी नोटशीट हमारे पास उपलब्ध है) उनकी सूचनायें भी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई। जब महिलाओं के लिए साज़िश के तहत असंभव सी कठोर आहर्ता सुनिश्चित की गई, तो चयनित पुरुषों को फ़िज़िकली टेस्ट की आवश्यक निर्धारित आहर्ता में छूट दिये जाने संबंधित सरकारी आदेश क्यों, किसने,किसके दबाव में और किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए निकाला गया।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘जब सामान्य प्रशासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि जब किसी कारणवश अपेक्षित आहर्ताओं के प्रतियोगियों का चयन न हो सके तो प्रतीक्षा सूची से मेरिट के आधार पर अधिकतम 10% भर्ती की जा सकती है, यहां तो भ्रष्ट किरदारों ने अव्वल तो परीक्षा परिणामों की अधिकृत सूची ही सार्वजनिक नहीं थी बल्कि 103 पुरुषों के नियुक्ति आदेश जारी कर दिए। क्या यह भी ग़लत है जिन-जिन अभ्यर्थियों से 35 से 50 लाख रुपये (जो भी तय हुए) प्राप्त हो जाने बाद तत्कालीन परिवहन मंत्री श्री जगदीश देवड़ा की क्लीयरेंस के बाद परिवहन आयुक्तर के हस्ताक्षरित नियुक्ति पत्र जारी हो जाते थे। क्या यह भी ग़लत है कि जब उक्त परीक्षा से संदर्भित मामले ने तूल पकड़ लिया उसके बाद एक “टीम विशेष” ने परिवहन विभाग के मुख्यालय से दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर सबूत मिटाने का कार्य भी  किया, यहां तक कि मुख्यालय में आग तक लगवाई गई, क्यों। उसके बाद आज तक वहां आज तक आग क्यों नहीं लगी। उक्त “संगठित अपराध” के दौरान प्रदेश के तत्कालीन मुखिया के कौन स्वजातीय रिश्तेदार परिवहन मुख्यालय में बतौर उपायुक्त और बाद में वहीं अतिरिक्त उपायुक्त के रूप में पदोन्नत कर दिये गये,जिन्होंने ने दस्तावेजों को नष्ट करने में न केवल अपनी महती भूमिका निभाई, बल्कि वहीं से उसी पद पर रहते हुए सेवानिवृत्त भी हुए। परिवहन मुख्यालय में उनकी नियुक्ति, पदोन्नती से लेकर उसी विभाग से उनकी सेवानिवृत्ति तक क्यों, किसकी और क्या (ई)मानदार मंशा थी।


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News