भोपाल | सरकार गठन के साल भर बाद भी निगम मंडलों में नियक्तियों का इन्तजार कर रहे नेताओं को खुशखबरी नहीं मिली है| इक्का दुक्का नेताओं को छोड़कर अभी किसी को भी एडजस्ट नहीं किया गया है| हालाँकि इसकी कवायद शुरुआत से ही चल रही है| लेकिन बार बार यह मामला खिंचता जा रहा है| अब प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया 10 जनवरी को भोपाल आ रहे हैं। जिसको लेकर एक बार फिर उन नेताओं की आस जगी है जो राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट होने के लिए जोर लगा रहे हैं|
सूत्रों के मुताबिक एआईसीसी की आपत्ति के बाद सरकारी संस्थाओं में नियुक्ति का सिलसिला थम गया था। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने बिना पूछे कोऑपरेटिव बैंक में की गईं कुछ नियुक्तियों को लेकर नाराजगी जताई थी। इस नाराजगी की वजह से 27 दिसंबर को पीसीसी में होने वाली बैठक रद्द हो गई थी। इस टकराव को दूर करने के लिए बावरिया 10 जनवरी को भोपाल आ रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बावरिया और मुख्यमंत्री के बीच निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चर्चा होगी। वहीं बावरिया 11 जनवरी को प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं से भी मिलेंगे।
नियुक्ति के इन्तजार में कई नेता
निगम मंडलों में नियुक्ति के लिए कई बड़े नेता इन्तजार कर रहे हैं| जो फिलहाल सरकार का हिस्सा नहीं है, लेकिन जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो जमीन पर उनकी म्हणत दिखती थी| ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं का नियुक्ति पाना आसान भी होगा| वहीं गुटों से निकले कुछ नाम भी सामने आएंगे, जिस पर विवाद भी हो सकता है| सीएम के लिए अपनी विधानसभा सीट छोडऩे वाले दीपक सक्सेना और कांतिलाल भूरिया के लिए विधानसभा टिकट से समझौता करने वाले जेवियर मेड़ा की नियुक्तियां भी अटकी हुई हैं। पीसीसी के पदाधिकारी भी निगम-मंडल में पदस्थापना चाहते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बावरिया और मुख्यमंत्री की मुलाकात से इस बार इन नियुक्तियों को लेकर अटकी गाड़ी आगे बढ़ जाएगी। बावरिया चाहते हैं कि बड़े नेताओं के साथ उन कार्यकर्ताओं की नियुक्ति भी हो जो लगातार 15 साल से संघर्ष कर रहे हैं और अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में रहते हैं।