भोपाल।
प्रदेश में दिनों दिन गहराते हुए जल संकट को देखते हुए प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने बड़ा फैसला किया है। मंत्री ने इजराइल की तर्ज पर एमपी में भी जल संरक्षण की बात कही है।साथ ही कहा है कि गुजरात के सूरत में हुए कोचिंग अग्निकांड से सबक लेते हुए मध्यप्रदेश में नई फायर पॉलिसी बनाई जाएगी।
दरअसल, आज मीडिया से चर्चा के दौरान प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में इजराइल की तर्ज पर जल संरक्षण होगा। इजराइल जल-संरक्षण के क्षेत्र में विश्व में पॉयनियर है। वहां कम वर्षा के बावजूद पानी की बेहतर उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि पेयजल आपूर्ति में रिसाइकलिंग और वाटर मैनेजमेंट तथा कंजर्वेशन और वाटर ट्रीटमेंट में इजराइल तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। नगर निगमों में इजराइल के सहयोग से जल प्रबंधन की शुरूआत की जा सकती है। इजरायल के पास थर्ड जनरेशन जल शोधन संयंत्र उपलब्ध है। प्रदेश के 378 नगरी निकायों में जल ऑडिट कराया जाएगा। उसकी रिपोर्ट के आधार पर इजराइल से मदद लेकर पेयजल के संकट को दूर करेंगे।
एमपी में बनेगी नई फायर पॉलिसी
वही उन्होंने प्रदेश में नई फायर पॉलिसी बनाने की बात कही। जयवर्धन ने कहा कि शहरों की इमारतों में सुरक्षा इंतजामों को मद्देनजर रखते हुए नई फायर पॉलिसी बनाई जाएगी।इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं। बता दें कि इसी माह गुजरात के सूरत शहर में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से बच्चों समेत 20 लोगों की मौत हो गई थी। तीसरी मंजिल पर स्थित इस कोचिंग सेंटर में आग से बचने के कोई इंतजाम नहीं थे, जान बचाने के लिए कई छात्र तीसरी मंजिल से कूद गए थे, लेकिन उनकी मौत हो गई।इसी को सबक लेते हुए सरकार ने यह फैसला किया है।
यह है इजराइल की जल संरक्षण की तकनीक
इज़राइल में पानी की सालाना मांग अब 2,000 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पहुंच रही है। इसमें से करीब आधे हिस्से की खपत खेती में होती है। यहां जब पानी की उपलब्धता अच्छी हुआ करती थी, तब कुल पानी का दो–तिहाईं हिस्सा प्राकृतिक स्रोतों से यानी भूजल से प्राप्त होता था। करीब एक तिहाई हिस्सा सतह पर मिलता था। अब सतह पर मिलने वाला पानी केनेरेट (गैलीली झील या समुद्रद्र) से पंप के जरिये लाया जाता है। इसमें से करीब 50,000 क्यूबिक मीटर पानी तिवर्ष जॉर्डन को देने का अनुबंध है। उत्तर से दक्षिण तक ज्यादातर पानी का वितरण नैशनल वॉटर कैरियर सिस्टम करता है। यह सिस्टम उच्च स्तर की इंजीनियरिंग और समन्वित जल प्रबंधन का बढि़या उदाहरण है। मेकोरोट–नैशनल वॉटर कंपनी जल की आपूर्ति करने और इसकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नैशनल अथॉरिटी फॉर वाटर एंड वेस्टवाटर के समक्ष जिम्मेदार है। इज़राइल बर्बाद हो चुके पानी का 75 फीसदी हिस्सा पहले से ही रिसाइकल करता आ रहा है। भविष्य की योजना यह है कि इस स्थिति को और बेहतर बनाया जाए और आखिरकार पानी को खारेपन से पूरी तरह मुक्त किया जाए। समुद्रद्र के पानी और खारे पानी को मीठा बनाने में इज़राइल विश्व में अग्रणी है। वैसे, ऐसे ज्यादातर प्रोजेक्टों में इज़राइली कंपनियों ने विदेशों में काम किया है।