भोपाल, रवि नाथानी। मध्यप्रदेश के कई जिलों में रविवार को जोरदार बारिश हुई। ऐसा ही मामला भोपाल से आ रहा है जहाँ पिछले 24 घंटों में सवा पांच इंच पानी गिरा है। यह इस सीजन में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश है। बता दें कि संत हिरदाराम नगर में बरसात के पानी ने इन दिनों ऐसा कहर बरसाया हुआ है कि कपड़ा व्यापारियों को लाखों रूपये का सामान सडक़ पर सुखाने के लिए रखना पड़ रहा है,व्यापारी ये माल ओने-पोने दामों में बेचगें,और इससे घाटा भी होगा। संत नगर के लगभग छोटे बड़े 27 नालों पर बड़ी बड़ी बिल्डिगे बनने से यह हालात हो रहे है।
संतनगर में पिछले दिनो और बीती रात भी हुई तेज बारिश के कारण निचली बस्तियों में पानी घुस गया,और सडक़े तालाब का रूप ले लिया। पानी के कारण संत हिरदाराम नगर की हालात खराब हो जाति है,ऐसे में निकासी के लिए निगम को कड़ी मशक्त करनी पड़ती है। बीती रात भी जब तेज बारिश हुई तो संत नगर के बाबा गरीब दास दरबार के पास एक शासकीय स्कूल की दीवार भरभरा कर गिर गई,स्कूल के ग्राउंड में भी पानी भर गया। इधर संतनगर के राजेन्द्र नगर, कुमार मोहल्ला,बेहटा गांव,बूढ़ाखेड़ा जैसी निचली बस्तियों में पानी घुस गया,पानी के घुसने की शिकायत मिलते ही निगम का अमला और इस बार पार्षद चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे नेता इन बस्तियों में पहुंचे और पानी को निकाला। पानी के कारण नाले नालियों की गंदगी,सीवेज सिस्टम पूरे तरीक से फेल रहा,जिन लोगों के घर सडक़ से नीचे बने हुए है,उनकी हालात तो बत से बत्तर हो गई,लोग पानी निकालते हुए नजर आए,साथ ही उनकी मदद के लिए कोई भी आने आने को तैयार नहीं दिखा,एेसे में जनता पूर्व पार्षदों और निगम को कोसते हुए नजर आए।
भाजपा के गढ़ का कोई नहीं रखवाला
संत नगर में सबसे ज्यादा नगर निगम को टैक्स जाने के बाद भी यहां की स्थानिय समस्याएें हल नहीं होती,इस कारण क्या है यह सवाल जनता बार बार जनप्रतिनिधियों से पूछती है। भाजपा के इस गढ़ में विकास की तरफ जन प्रतिनिधि क्यों नहीं ध्यान देते,या वे इस तरह की सस्याओं को हल नहीं करना चाहते इस तरह की बाते भी जनता के दिमाक में अक्सर घुमती है,लेकिन इनका जवाब कोई नहीं देता। संत नगर के जितने भी छुटपैया नेता है वे केवल बड़े नेताओं की आवभग्त और चापलुसी में अपना समय काटते है,समस्याओं को हल करने के लिए कभी ये लोग सडक़ों पर नहीं उतरे।
हाल ही में दो मजदूरों की हुई मौत
संत नगर के जिस नाले पर कब्जा हुआ है,उसी नाले की दीवार गिरने से कुछ दिन पहले दो मजूदरों की मौत हो गई थी,इस नाले का पानी आगे की तरफ बढ़ जाता है,जिसमें तेज बहाव होता है। इसके बाद भी इस नाले की चोड़ाई को छोटा किया जा रहा है,जो आने वाले दिनों में परेशानी बगेना। नाला बना सीवेज लाइनसंत नगर के प्राइवेट इंजीनियर महेश प्रेमचंदानी का कहना है कि संत नगर के सबसे बड़े नाले का चैनलाइजेशन होने की जरूरत है,जैसे भोपाल में नालों का किया गया है। उनका कहना है कि संत नगर के नाला जो बड़ा नाला है उसे सीवेज लाइन जैसा बनाया जा रहा है,जो बहुत बड़ी परेशानी बनेगा।