17 हजार किसानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी, बैंकों ने थमाए नोटिस

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। बैंकों से लोन लेकर अपना पेट पालने वाले किसानों (Farmers)  को एक बार फिर झटका लगा है। बैंक ने उन्हें वसूली के नोटिस (Loan recovery notice) थमाए हैं साथ ही बैंक से लिया गए लोन नहीं चुकाने पर कुर्की की चेतावनी भी दी है। नोटिस मिलने के बाद से किसानों में हड़कंप मचा हुआ है।

राज्य सरकार की ऋण माफ़ी योजना के भरोसे बैठे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  जबलपुर में जिला सहकारी बैंक ने ऐसे 17 हजार किसानों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस थमाया है जो कि शासन से कृषि ऋण लेकर उसे चुका नहीं रहे हैं, बैंक इन किसानों को नोटिस देकर उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई भी करने की तैयारी में है, किसानों के खिलाफ संभवत: यह पहला मौका है जब बैंक के द्वारा वसूली के लिए यह कार्यवाही की जा रही हो, बता दे यह 17 हजार किसानों पर लोन का करीब 140 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है।

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जानकारी के मुताबिक खेती के लिए किसानों के द्वारा लिए गए लोन को चुकाने की अधिकतम समय सीमा 1 साल की होती है।  जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कृषि संबंधी कार्यों के लिए ब्याज मुक्त कर देता है, पर समय सीमा के खत्म होते ही किसानों पर लोन ली गई रकम का ब्याज लगाना शुरू हो जाता है।  आमतौर पर फसल बेचने के बाद किसान ऋण चुका देता है पर जिले में 17 हजार ऐसे किसान सामने आए हैं जिन्होंने समय पर लोन का पैसा जमा नहीं किया, बैंक अब ऐसे किसानों को चिन्हित कर डिफाल्टर घोषित कर रहा है साथ ही इनसे बकाया राशि वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है।

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दरअसल किसानों द्वारा बैंक से ली गई राशि को नहीं चुकाने के पीछे एक बड़ा कारण है प्रदेश शासन की “ऋण माफी योजना” इस योजना से अधिकतर किसानों को उम्मीद थी कि उनका ऋण माफ हो जाएगा, लेकिन प्रदेश सरकार के बदलते ही योजना भी बदल गई, ऐसे में कई किसान इससे वंचित है। उन्होंने अपने हिस्से की राशि नहीं चुकाई जब समय बीत गया तो ब्याज भी बढ़ गया।  अब किसान नोटिस का बोझ झेल रहे हैं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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