भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP News) देश का ऐसा राज्य होगा जहाँ साइबर तहसील (Cyber Tehsil) स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) की अध्यक्षता में मंगलवार की हुई कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। साइबर तहसील बन जाने के बाद अब व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत उपस्थित होने की बाध्यता नहीं रहेगी।
मध्य प्रदेश में अब प्रॉपर्टी और जमीनों के अविवादित नामांतरण के लंबित मामलों का निराकरण करने के लिए अलग साइबर तहसील यानी हाईटेक राजस्व कोर्ट का गठन होगा। यह निर्णय मंगलवार को शिवराज कैबिनेट ने लिया है। राजस्व विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक हर दो जिलों के बीच एक साइबर तहसील बनेगी। इसमें पक्षकारों के बयान ऑन लाइन होंगे।
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कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा, जहां साइबर तहसील का गठन किया जा रहा है। इसके लिए अलग से तहसीलदार नियुक्त किया जाएगा। इस व्यवस्था में खरीदार और बेचने वाले को नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आवेदन के बाद तहसीलदार नोटिस जारी करेगा। आपत्ति नहीं आने पर नामांतरण कर दिया जाएगा।
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राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अविवादित नामांतरण के हजारों मामले संबंधित व्यक्तियों के राजस्व न्यायालय में उपस्थित नहीं होने की वजह से लंबित हैं। भूमि या प्लॉट बेचने के बाद विक्रेता रूचि नहीं लेते हैं। ऐसे में साइबर तहसील के माध्यम से बहुत से मामले निपट जायेंगे। खास बात ये है कि इसमें व्यक्ति के व्यक्तिगत उपस्थित होने की बाध्यता भी लगभग समाप्त हो जाएगी।
मध्यप्रदेश में साइबर तहसील के निर्माण के प्रस्ताव को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी है।
इस व्यवस्था के शुरू हो जाने से अविवादित जमीन के प्रकरणों में नामांतरण की प्रक्रिया सुविधाजनक हो जाएगी।#CabinetDecisions #Cabinet pic.twitter.com/9OuJt72X6C
— Dr Narottam Mishra (Modi Ka Parivar) (@drnarottammisra) November 23, 2021