ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भारतीय जनता पार्टी (BJP)और व्यापारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) को पत्र लिखकर ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) द्वारा बजट में लगाए गए नए कर और जलकर में की गई बेतहाशा वृद्धि को वापस लेने की मांग की है। व्यापारियों की संस्था चैंबर ऑफ़ कॉमर्स (MPCCI) एवं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता पूर्व जिला अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष ग्वालियर विकास प्राधिकरण अभय चौधरी (Abhay Chaudhari) ने इस वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घोषित बजट में जल कर की राशि को दोगुना करने, सीवर टैक्स और सफाई शुल्क यूजर चार्ज लगाने के विरोध में व्यापारी वर्ग की प्रमुख संस्था मप्र चेंबर ऑफ़ कॉमर्स कड़ी हो गई है वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी इस वृद्धि का विरोध किया है। चेंबर ऑफ़ कॉमर्स के मानसेवी सचिव डॉ प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि उन लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(CM Shivraj Singh Chauhan) , केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) , राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia), स्थानीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (Vivek Narayan Shejwalkar) सहित नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह (Bhupendra Singh), ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) सहित संभागीय आयुक्त को पत्र लिखे हैं।
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MPCCI द्वारा प्रेषित पत्रों में उल्लेख किया गया है नगर-निगम के लाभ के लिए आगामी बजट में शहरवासियों पर जल कर की राशि को दोगुना कर दिया गया है । साथ ही जलकर की राशि 150 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 300 रुपये फिर 450 फिर 589 रुपये प्रतिमाह किए जाने का प्रावधान किया गया है । जल कर का 60 प्रतिशत सीवरेज के नाम पर कर देना होगा। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के नाम पर सफाई शुल्क भी लागू किए जाने का प्रावधान किया गया है । इसके साथ ही, सम्पत्ति कर को कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से वसूलने का प्रावधान किया गया है । इसके कारण सम्पत्ति कर में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी । यह शहर की जनता पर अतिरिक्त भार है ।
पदाधिकारियों ने कहा है कि नगर-निगम के अधिकारियों द्वारा बजट पर जनप्रतिनिधियों से किसी भी प्रकार की कोई चर्चा नहीं की गई और न ही सामाजिक अथवा व्यवसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों से कोई सुझाव लिए गए हैं। नगर-निगम का यह बजट जनविरोधी होने के साथ-साथ शहरवासियों पर महँगाई की मार देने वाला है तथा वास्तविकता से परे है । नगर-निगम प्रशासन को बजट पास करने से पूर्व जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी सहमति लेनी चाहिए थी, परन्तु ऐसा नहीं किया गया और शहरवासियों पर नवीन करों का भार डाल दिया गया ।
पदाधिकारियों ने शासन से मांग की है कि कोरोनाकाल एवं महँगाई को ध्यान में रखते हुए, नगर-निगम, ग्वालियर द्वारा बजट 2021-22 में किए गए नवीन कर एवं पूर्व से लागू कर की दरों में की गई वृद्धि को अविलंब वापिस लिया जाए, ताकि नगर-निगम द्वारा करों की दरों में की गई बेतहाशा वृद्धि वापिस हो सके और इससे शहर के व्यवसाईयों, उद्योगपतियों सहित आमजनता को राहत मिल सके ।
उद्धत भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व जिला अध्यक्ष एवं ग्वालियर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष अभय चौधरी ने भी नगर निगम के बजट में की गई कर वृद्धि और नए करों को लगाए जाने का विरोध किया है। अभय चौधरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना काल में लोगों के व्यवसाय चौपट हो गए लोगों के रोजगार चले गए ऐसे में ये कर वृद्धि और नया कर कहाँ तक उचित है ? भाजपा नेता ने कहा कि नगर निगम लगभग 50 फीसदी सम्पत्तियों से ही संपत्ति कर वसूलती है ऐसे ही 40 प्रतिशत लोगों से ही जलकर वसूलती है यदि नगर निगम शत प्रतिशत लोगों से सम्पत्तिकर और जलकर की राशि वसूली कर ले तो आय वैसे ही दो गुना हो जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) को लिखे पत्र की प्रतिलिपि नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को भेजते हुए आग्रह किया है कि बजट में की गई कर वृद्धि और नए कर लगाने का फैसला तत्काल वापस लिया जाये।