बीजेपी विधायक ने अपनी ही पार्टी के सांसद की जयचंद से की तुलना

बीजेपी विधायक

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बीजेपी के मुखर विधायक नारायण त्रिपाठी ने पार्टी सांसद गणेश सिंह पर हमला बोला है। उन्होंने गणेश सिंह के एक बयान को लेकर बयान को मातृभूमि का अपमान बताया है। विंध्य और बुंदेलखंड के पिछड़ेपन के लिए उन्होंने नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है।अलग विंध्य प्रदेश की मांग के लिए लगातार अपना आंदोलन चला रहे विधायक नारायण त्रिपाठी के निशाने पर इस बार सांसद सतना गणेश सिंह हैं।

MPPEB Result 2021: उम्मीदवारों का इंतजार हुआ खत्म, बोर्ड ने जारी किया रिजल्ट, देखें यहां

दरअसल गणेश सिंह ने अपने एक बयान मे विंध्य क्षेत्र को काल्पनिक बताया था, जिस पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा है कि गणेश सिंह का यह बयान देशद्रोह की श्रेणी में आता है। ऐसा बचकाना बयान विंध्य की, हमारी मातृभूमि की अस्मिता के साथ खिलवाड़ और उसका अपमान है। सांसद पर करारा हमला बोलते हुए विधायक त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे जयचंदो की वजह से ही हमारे विंध्य प्रदेश का मध्य प्रदेश में विलय कर लिया गया जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विंध्य में आज आईआईटी , आईआईएम की कल्पना तक नहीं की जा सकती। युवा रोजगार के लिए पलायन कर रहा है। किसान परेशान है। व्यवसाई परेशान है। विंध्य को राज्य बनाने के लिए सभी अनुकूल परिस्थितियां हैं लेकिन इनमें कोई लीडरशिप नहीं केवल चमचे हैं जो चमचागिरी कर अपना व्यापार और अस्तित्व बचा रहे हैं। त्रिपाठी ने जनता से अपील की है कि ऐसे सभी जयचंदों को जनता चिन्हित करें जिन्होंने विंध्य में रहकर विंध्य की जनता के दम पर शोहरत और नाम हासिल किया है। लेकिन आज विंध्य के अस्तित्व को ही काल्पनिक बता रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा कि आज विंध्य बुंदेलखंड सबसे ज्यादा पिछङेपन की जो मार सह रहा है उसकी जिम्मेदारी नेताओं को जाती है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।