Budget 2024: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट 2024 पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे “दिशाहीन सरकार का दृष्टिहीन बजट” करार दिया है और कहा कि यह बजट जनता को बुनियादी राहत देने के बजाय केवल “झुनझुना” पकड़ाने का प्रयास करता है। कमलनाथ का कहना है कि इस बजट में रोज़गार और आयकर छूट के बारे में की गई घोषणाएँ आँख में धूल झोंकने वाली हैं।
आयकर स्लैब में बदलाव पर टिप्पणी:
दरअसल कमलनाथ ने आयकर स्लैब में किए गए बदलाव को नाकाफी बताते हुए कहा कि ये बदलाव बढ़ती हुई महँगाई के मुकाबले पूरी तरह असमर्थ हैं। उनका कहना है कि बजट में किसी भी प्रकार की प्रभावी राहत या राहत उपाय की कमी है, जो आम जनता की वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सके।
यह दिशाहीन सरकार का दृष्टिहीन बजट है।
केंद्र सरकार का आज पेश हुआ बजट जनता को कोई बुनियादी राहत देने के बजाय झुनझुना पकड़ाने वाला दिख रहा है। रोज़गार और आयकर छूट के बारे में जो घोषणाएँ की गई हैं, वह आँख में धूल झोंकने वाली हैं।
इनकम टैक्स स्लैब में जो बदलाव किया गया है, वह…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 23, 2024
नौकरियों की कमी पर चिंता:
इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने देश के युवाओं के लिए स्थायी नौकरियों की कमी पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि बेरोज़गारी का स्तर आसमान पर पहुँच चुका है, लेकिन केंद्र सरकार ने स्थायी नौकरी के मुद्दे पर कोई ठोस घोषणा नहीं की है। इसके साथ ही, उन्होंने सरकारी पदों की भरपाई को लेकर भी वित्त मंत्री द्वारा कोई उल्लेख न किए जाने की आलोचना की है।
किसानों की स्थिति पर आलोचना:
वहीं कमलनाथ ने विशेष रूप से किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा, “अन्नदाता किसानों को लेकर सरकार ने बजट में कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की है। जहाँ 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया गया था, वहीं 2024 के बजट में भी किसानों को हाशिये पर रखा गया है।” उनका कहना है कि इस बजट ने किसानों की समस्याओं का समाधान करने में विफलता ही दर्शाई है।
जनता की निराशा:
दरअसल कमलनाथ ने इस बजट को जनता की उम्मीदों पर पानी फेरने वाला बताया और कहा कि सरकार ने आम जनता की वास्तविक समस्याओं के समाधान के बजाय दिखावटी उपायों पर ध्यान केंद्रित किया है। दरअसल उनकी इस प्रतिक्रिया से स्पष्ट हो रहा है कि बजट 2024 को लेकर विपक्ष के बीच असंतोष और असहमति की लहर है, और पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार के बजट प्रस्तावों की आलोचना करते हुए इसे निराशाजनक करार दिया है।