Burhanpur News: पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों पर हमला करने वाले 9 आरोपी गिरफ्तार, पढ़ें पूरी खबर

आरोपियों के द्वारा अधिकारियों पर जानलेवा हमला भी किया गया था, जिसके बाद सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था।

Shashank Baranwal
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Burhanpur News: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जहां पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों पर हमला करने वालों में शामिल 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं आरोपियों को सोमवार 22 अप्रैल को न्यायालय के सामने पेश किया गया, जिन्हें खंडवा जिले के जेल में भेज दिया गया है।

टीम बनाकर दी गई दबिश

दरअसल, बुरहानपुर जिले की पुलिस को एक सप्ताह से आरोपियों के वापस लौटने की सूचना मिल रही थी। इस दौरान पुलिस ने एक टीम बनाकर सभी आरोपियों के घरों में रविवार देर रात 10 बजे एक साथ दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। वहीं आरोपियों को पकड़ने में एएसआई आरसी सांवले, शहाबुद्दीन कुरैशी, किशोर सिंह चौहान, आरक्षक गजेंद्र सिंह रावत, पूनम बघेल और निधि साकले की सराहनीय भूमिका रही।

वन विभाग और पुलिस अधिकारियों पर किया था जानलेवा हमला

थाना प्रभारी के मुताबिक लगभग 2 साल पहले जिले के नेपानगर इलाके के गांव बाकड़ी, सीवल, घाघरला में जंगलों से अतिक्रमण हटाने आई वन अधिकारियों और पुलिस की टीम पर हमला कर दिया था। इस दौरान आरोपियों के द्वारा अधिकारियों पर जानलेवा हमला भी किया गया था, जिसके बाद सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था। वहीं पकड़े गए आरोपियों के नाम रुपेश पिता रामा मेघवाल, जीवा पिता सुखलाल मेघवाल, प्रताप पिता छगन बारेला, सुमार सिंह पिता रगन बारेला, रमेश पिता भाटू बारेला, अजय पिता मगन बारेला, पूनम पिता पन्नालाल, अशोक पिता मंदास बारेला और अर्जुन पिता रुमसिंह भिलाला शामिल हैं।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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