“आपसी आक्रोश यात्रा” में बदली कांग्रेस की “जन आक्रोश यात्रा”, बीच सभा में पूर्व मंत्री सहित कई नेताओं ने छोड़ा मंच

Atul Saxena
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Congress Jan Aakrosh Yatra: भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को जवाब देने के लिए निकाली जा रही कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा शुरू होते ही विवादों में आने लगी है, बुरहानपुर में इसका नजारा देखने को मिला जब नेता भाषण देने के नाम पर आपस में उलझ गए, पूरा घटनाक्रम पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की मौजूदगी में हुआ, स्थिति ख़राब होते देख वे बीच सभा से ही मंच से नीचे उतर गए उनके साथ और भी कई नेताओं ने मंच छोड़ दिया।

अल्पसंख्यक नेता को मंच पर नहीं बुलाया तो वे भड़के 

कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा मंगलावर की शाम बुरहानपुर पहुंची लेकिन जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित आम सभा हंगामे की भेंट चढ़ गई। स्थानीय इक़बाल चौक में जन आक्रोश यात्रा आम सभा में उस वक्त गहमागहमी का माहौल बन गया जब पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा आम सभा को सम्बोधित करने जा रहे थे तभी अल्पसंख्यक नेता डॉ फरीद काज़ी और कांग्रेस जिलाध्यक्ष रिंकु टाक के बीच तीखी तकरार देखने को मिली।

सज्जन सिंह वर्मा सहित कई नेताओं ने बीच सभा में छोड़ा मंच 

दरअसल कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेता डॉ काज़ी को सभा को संबोधित करने नहीं बुलाया गया था जिससे वे नाराज हो कर मंच से ही जिलाध्यक्ष से तकरार करने लगे ये नज़ारा देखा सभी नेताओं ने नाराजगी देखने को मिली, सज्ज्न सिंह वर्मा ने अपने सम्बोधन में इस बात को लेकर भी नाराजगी जाहिर कर बीच सभा से निकल गए, उनके साथ कार्यक्रम में आये सजंय दत्त, विभा पटेल, विक्रांत भूरिया आदि नेता भी उनके साथ निकल गये।

कांग्रेस नेताओं ने किया शक्ति प्रदर्शन, विवाद ने दिया भाजपा को नया मुद्दा 

बुरहानपुर में जन आक्रोश यात्रा में कांग्रेस नेताओं द्वारा अपने अपने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन करना भी देखने को मिला और फिर  खुले मंच पर कांग्रेस नेताओं द्वारा सार्वजनिक मंच पर हुई इस घटना ने कांग्रेस की आपसी गुटबाजी को और हवा दे दी है साथ ही भाजपा को एक मुद्दा और दे दिया है।

बुरहानपुर से शेख रईस की रिपोर्ट


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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