किसान ने खेत में की आत्महत्या, कांग्रेस ने की 25 लाख के मुआवजे और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की मांग

Atul Saxena
Published on -

Burhanpur News : बुरहानपुर जिले के ग्राम बखारी में एक किसान ने अपने खेत में आत्महत्या कर ली जिसके बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि किसान के खेत की खड़ी फसल को बैराज निर्माण कर रहे ठेकेदार के द्वारा बिना किसी अधिग्रहण, मुआवजे के नष्ट कर वहा से आवागमन के लिए रास्ता बना लिया था। घटना के बाद कांग्रेस ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए किसान के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है।

प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अजय सिंह रघुवंशी ने घटना स्थल का दौरा कर कहा कि जब किसी प्रकार की कोई अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं, किसी को कोई मुआवजा नहीं, कोई कार्यादेश नहीं फिर कैसे किसी ठेकेदार की इतनी बड़ी हिम्मत हो गई कि वह काम शुरू कर दे वह भी ऐसी दादागिरी से कि किसी के घर का कमाने वाला चिराग ही बुझ जाए,ये सब बातें सम्भव हो सकती है जबकि सरकार भाजपा की हो,ठेकेदार भाजपा का हो तो कुछ भी हो सकता है।

प्रदेश कांग्रेस महासचिव अजय सिंह रघुवंशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तक ग्राम बखारी में बैराज को अनुमति नहीं मिली, जमीनों का अधिग्रहण भी शुरू नहीं हुआ और ठेकेदार द्वारा यहा बलपूर्वक जेसीबी चला कर किसानों की लाखों रुपयों की खड़ी फसलें बर्बाद की जा रही हैं , इस दादागिरी के कारण युवा किसान चेतन लांडे (22 वर्ष) को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा।

उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच किसी उच्च स्तरीय कमेटी से होना चाहिए जिसमें ये स्पष्ट हो कि ठेका कब दिया गया, भूमि कब अधिग्रहित की गई, मुआवजा कितना मिला और अगर ये सब नहीं हुआ तो फिर ठेकेदार द्वारा बिना कार्यादेश के काम कैसे किया जा रहा था।

कांग्रेस नेता अजय रघुवंशी ने मांग की है कि मामले की जांच किसी रिटायर्ड मजिस्ट्रेट से कराई जाये, मृतक के परिवार को अविलम्ब 25 लाख रुपये मुआवजा दिया जाये और ठेकेदार के विरुद्ध आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला बने साथ ही उस  ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाये।

बुरहानपुर से शेख रईस की रिपोर्ट


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News