rigging in Pradhan Mantri Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमवाय) के तहत फ्लैट आवंटन के प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका के बाद, एमआईसी के सदस्यों ने इस मामले की जांच के लिए उच्च मानकों और निगरानी की मांग की है। गिरोह द्वारा दलालों के माध्यम से फ्लैट्स की बुकिंग कराने और अधिक राशि में आवंटन करने के आरोपों की जांच व कठिन कदमों की मांग की है ताकि इस गतिविधा को रोका जा सके।
दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना में फ्लैट की बुकिंग के दौरान दलालों द्वारा अवैध गतिविधियों का सच सामने आया है। जिसके बाद निगमायुक्त राजेंद्र राठौर ने इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है। एक हितग्राही ने एमआईसी सदस्यों से शिकायत की, जिसके बाद यह मामला सुनवाई के लिए उजागर हो पाया।
निजी एजेंसियों की निगरानी में:
योजना के हितग्राहियों के चयन के लिए निगम ने दो निजी एजेंसियों, मेसर्स अप टू दि मार्क एडवरटाइजिंग प्रालि और मेसर्स मिरेकल इवेंट्स को नियुक्त किया था। इसके बावजूद, गिरोह के द्वारा फर्जी नाम से फ्लैट बुक किए जा रहे हैं और फिर उच्च मानकों पर अधिक राशि में उन्हीं फ्लैट्स को आवंटित किया जा रहा है।
हितग्राही ने एमआईसी सदस्य राजेंद्र राठौर से एजेंसियों को काम से हटाने और मामले की निगरानी के लिए भी मांग की है। उनका कहना है कि निगम के तहत यह समस्या सालों से बरत रही है और निजी एजेंसियों के भरोसे से इसमें हेरफेर हो रही है।
मामले का खुलासा:
इस मामले की खोज में पता चला है कि दलालों ने फ्लैट की बुकिंग के दौरान हितग्राहियों से एक ही आवास के लिए एक से अधिक व्यक्तियों से ज्यादा राशि मांगी है और बाकायदा रसीद भी काटी जा रही है। जिसके बाद अब मामले में दोनों एजेंसियों को हटाने की मांग की जा रही है।