Thu, Dec 25, 2025

अब विरोधी प्रत्याशियों ने एक दूसरे को कहा चूहा और अजगर, छतरपुर में कांग्रेस और बीएसपी के बीच ठनी

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
Last Updated:
अब विरोधी प्रत्याशियों ने एक दूसरे को कहा चूहा और अजगर, छतरपुर में कांग्रेस और बीएसपी के बीच ठनी

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में एक तरफ जहां राजनीतिक दल अपनी अपनी योजनाओं और घोषणाओं की मुनादी पीट रहे हैं..नए नए वादे और दावे कर रहे हैं, वहीं दूसरी पार्टियों पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है। इस क्रम में एक दूसरे पर जमकर जुबानी हमले भी हो रहे हैं। कभी यहां जय-वीरू की एंट्री होती है तो कभी सूरमा भोपाली की। फिर श्याम छेनू आ जाते हैं तो कोई खुद को ही काला कौवा ता देता है। कुल मिलाकर चुनावी मौसम में सियासी पारा लगातार बढ़ रहा है। ताजा मामला छतरपुर का है।

कांग्रेस प्रत्याशी ने बीएसपी प्रत्याशी को कहा ‘चूहा’

अब इस सिलसिले में दो नेता फिर आमने-सामने हैं। मामला है छतरपुर का जहां कांग्रेस प्रत्याशी आलोक चतुर्वेदी और बीएसपी प्रत्याशी डीलमणि सिंह के बीच जमकर ज़बानी तलवार चल रही है। कांग्रेस प्रत्याशी ने बीएसपी उम्मीदवार को चुखरवा यानी चूहा कह दिया है तो जवाब में डीलमणि सिंह ने उन्हें अजगर कहा है। मामला एक जनसभा का है जहां कांग्रेस के उम्मीदवार आलोक चतुर्वेदी ने मंच से कह दिया कि बसपा प्रत्याशी भले ही ‘हाथी’ पर बैठकर आए हों लेकिन असल में तो उनका यहां से बीजेपी प्रत्याशी ललिता यादव के साथ पुराना एग्रीमेंट है।

उन्होने तंज कसते हुए कहा कि ‘उनका तो नाम भी डीलमणि सिंह है, पता नहीं कौन सी डील हो गई है’। इसके आगे उन्होने कहा कि ‘ये भले ही हाथी पर चढ़कर आए हों, लेकिन ये चुखरवा हैं। इन्हें चुनाव नहीं जीतना है ये तो ललिता यादव के एजेंट के रूप में आए हैं।’ उन्होने कहा कि चुनाव आते आते भाजपा की गाड़ी में साइकिल भी बंध जाएगी और हाथी भी घुस जाएगा, ये बाहर नहीं रहने वाले। ये उसी गाड़ी में बैठे मिलेंगे।’ कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि वो चुनाव जीतने के लिए नहीं लड़ रहे, वो तो कांग्रेस के हराने के लिए चुनाव में खड़े हुए हैं।

बीएसपी उम्मीदवार ने ‘अजगर’ कहते हुआ किया पलटवार

पूर्व कृषि उपज मंडी अध्यक्ष डीलमणि सिंह बब्बूराजा जो कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हुए और फिर वहां से उम्मीदवार बनाए गए, उन्होने इस आरोप का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रत्याशी आलोक चतुर्वेदी को ‘अजगर’ कह डाला। उन्होने कहा कि हर आदमी जानता है चूहा कौन है। उन्होने आरोप लगाया कि 15 महीने की सरकार में वो पूरी नदियां और बालू लील गए। छतरपुर विधानसभा सीट से आलोक चतुर्वेदी और बिजावर विधानसभा सीट से चरण सिंह यादव को सबसे बड़ा अजगर और बालू माफिया बताते हुए उन्होने कहा वो हम जैसे कार्यकर्ताओं को कठपुतली बनाकर घुमाते रहे। इसीलिए जब इनकी सरकार गिरी तो किसी को बुरा नहीं लगा। वहीं उन्होने आरोप लगाया कि ‘2008 के चुनाव में मैं जीत गया था, लेकिन उन्हें प्रशासन ने मुझे हरवाया था। उनकी लगातार बढ़त को देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस बौखला गई और फिर काउंटिंग रोककर फिर मुझे हराया गया।’

इसी के साथ उन्होने ‘डील करने’ के आरोप को चुनौती दी कि अगर उनमें दम हो तो वो एक बार छतरपुर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर और 18100 वोट लाकर दिखा देना तो मैं उनकी टांगों के नीचे से निकल जाऊंगा, वरना वो मेरी टांगों के नीचे से निकल जाएं। उन्होने कहा कि उनकी किसी के साथ कोई डील नहीं हुई है। बता दें कि डीलमणि सिंह 2008 में भी छतरपुर से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और हार गए थे। इसके बाद 2013 में उन्होने निर्दलीय चुनाव लड़ा और एक बार फिर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। 2018 में वो कांग्रेस में लौटे और आलोक चतुर्वेदी का साथ दिया। लेकिन इस बार वो कांग्रेस से टिकट चाहते थे और ऐसा न होने पर फिर बीएसपी का दामन थाम लिया।

छतरपुर से सुबोध त्रिपाठी की रिपोर्ट