उन्होने कहा कि हमारे कुम्हार जो दीये बनाते हैं, उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। मैंने ये संकल्प लिया है कि मैं स्थानीय कारीगरों से ही सामान खरीदूंगा और चाहता हूं कि आप भी ये तय करें कि अब स्थानीय सामग्री ही उपयोग करेंगे। सीएम ने कहा कि मिट्टी निर्मित उत्पादों के लिए मिट्टी की सुलभ उपलब्धता की व्यवस्था की जाएगी। माटी कला को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। उन्होंने जनता से मिट्टी के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों को खरीदने की अपील की, जिससे इनके उत्पाद की मांग बढ़ सके।
सीएम शिवराज ने कहा कि हम लगातार लोकल को वोकल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होने कहा कि “मैं सभी बहनों-भाइयों से विनम्र अपील करता हूं कि हम अपने त्योहारों पर और बाकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जो सामान खरीदें, वह हमारी बहनों और भाइयों से ही खरीदें। इनका सामान बिकेगा तो इनकी दिवाली भी अच्छी मन जाएगी।” वहीं महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए उन्होने कहा कि कहा कि महिलाओं के स्व सहायता समूहों को इस साल बैंक से करीब 2500 करोड़ रुपए का लोन दिया जाएगा, जिससे महिलाओं की आमदनी प्रतिमाह कम से कम 10 हजार रुपए हो जाए। उन्होने कहा कि स्व सहायता समूहों से जुड़ी हर महिला की प्रतिमाह आमदनी कम से कम 10 हजार रुपए होना ही चाहिए। हम समूहों को बैंक ऋण की गारंटी दे रहे हैं।
छतरपुर पहुंचे सीएम शिवराज ने स्थानीय कारीगरों से मुलाकात के बाद ग्राम धमना में नोनेराम प्रजापति के घर पहुंचकर उनके परिवार के सदस्यों के साथ दोना-पत्तल पर भोजन भी किया। वहीं उन्होने नोनेराम प्रजापति के साथ चाक पर स्वयं मिट्टी का दिया और गमला भी बनाया। इसी के साथ सीएम ने कहा कि मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि प्रदेश के कारीगरों के के जीवन में नया उजाला लाकर ही विराम लूंगा।
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