शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। जिले में कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है, लेकिन प्रशासन की मिलीभगत से सिंध नदी में खुलेआम एलएनटी चल रही है। बीजोर में कल्याणपुर के नाम से रॉयल्टी बताकर यह काम हो रहा है। रेत से भरे डंपर प्रतिदिन सीहोर पुलिस थाने के सामने से ही निकलते हैं। बावजूद इसके पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती।
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सीहोर थाना क्षेत्र के ग्राम बीजोर में सिंन्ध नदी से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस सारे गोरख-धंधे में सीहोर पुलिस और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत सामने आ रही है। जिसके चलते डंपर थाने के सामने से होकर निकलते है, जिसके एवज में 2 हजार प्रति डंपर सुविधा शुल्क का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। बताया जा रहा है कि इस अवैध कार्य के लिए बकायदा सरकारी व गैर-सरकारी कटर लगाए गए हैं। जो अवैध रेत उत्खनन स्थल पर जाकर 2 हजार का इंट्री शुल्क वसूलते हैं। दो हजार के सुविधा शुल्क के बदले डंपर वालों को अवैध रेत परिवहन की खुली छूट मिलती है। पुलिस एवं प्रशासन द्वारा रेत माफियाओं को संरक्षण दिया जा रहा है। जिसके और थाने एवं करैरा अनुविभाग स्तर पर अदला-बदली का माहौल भी किसी से छुपा नहीं है।
कटेंगरा में अवैध रेत उत्खनन
नरवर थाने से महज 10 किलोमीटर दूर दिनदहाड़े बड़ी-बड़ी मशीनों से अवैध रेत उत्खनन धड़ल्ले से हो रहा है। फिर भी स्थानीय पुलिस और प्रशासन कार्रवाई करने में असमर्थ है। शिवपुरी जिला अवैध रेत के काले कारोबार में प्रदेश में अव्वल नंबर पर बना हुआ है। आलम यह है कि जिस रेत माफिया का यहां मन करता है जेसीबी या पोकलेन मशीन लेकर रेत निकालने लग जाते है। खुलेआम रेत निकाली जा रही है और तकरीबन 80 से 90 डंपर भरे जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो कटेंगरा में कुछ सत्तादल के स्थानीय बड़े नेताओं सहित भिंड-मुरैना के भी कुछ बड़े राजनेताओं के संरक्षण में रेत उत्खनन को संचालित किया जा रहा है। जब उच्च स्तर पर शिकायत होती है जिम्मेदार अधिकारी एक बड़ी दबिश देकर वापस आ जाते हैं। संपूर्ण मामला रफा-दफा कर देते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इन संपूर्ण मामले में वरिष्ठ राजनेताओं का संरक्षण है।
जिले में बेखौफ माफिया
जानकारी के अनुसार सीहो थाने के सामने ग्राम बीजोर चितारी पर पाल के घाट से रेत माफ़िया अवैध उत्खनन पिछले 3 दिन से कर रहा है। इसके द्वारा बंदूकों, बदमाशों, राजनीतिक रसूख और पुलिस का भय दिखा कर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। माफिया के गुण्डाराज के भय के चलते ग्रामीण डरे हुए हैं। वर्तमान में अवैध रेत खदान पर काफी बड़ा लाखों रुपए की रेत का डम्प लगा हुआ है। और पनडुब्बियों द्वारा लगातार अवैध रूप से रेत निकाली जा रही है। लेकिन सीहोर पुलिस की मिलीभगत के चलते सुनवाई नहीं हो रही है। बता दें कि पूर्व में भी सीहोर रेत माफिया द्वारा एक तहसीलदार पर गोली चलाई जा चुकी है। लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई।