छिंदवाड़ा, विनय जोशी। छिंदवाड़ा के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की कृषि शाखा में हुए गबन की परतें लगातार खुलती जा रही है। अधिकारियों और कर्मचारियों के काले कारनामें एक के बाद एक सामने आ रहे। तीसरी जांच रिपोर्ट में चार करोड़ पंद्रह लाख अठत्तर हजार दो सौ पचास रुपए का गबन होना सामने आया है। गबन से जुड़े दस्तावेजी साक्ष्य पुलिस अधीक्षक को सौंपे गए। सहकारिता की एक टीम अभी भी इस मामले में जांच कर रही।
छिंदवाड़ा जिला हमेशा सुर्खियों में रहा है कभी मध्यप्रदेश में मॉडल जिले के रूप में तो कभी राजनीतिक हलचल को लेकर। लेकिन मध्यप्रदेश के मॉडल जिला एक बैंक घोटाले को लेकर भी सुर्खी बटोर रहा है । घोटाला लाख 50 लाख का नहीं, बल्कि पूरे 6 करोड़ से ज्यादा का है। जिसमें अब तक 100 से ज्यादा आरोपी बनाए जाने की मांग सामने आई है। गौर हो कि यह घोटाला पूर्व में दो करोड़ तक सीमित था, जिसमें तीन लोग आरोपी बनाए गए थे जो आज भी सीखचों के पीछे पड़े हुए हैं.लेकिन जैसे जैसे इसकी परतें खुल रही है वैसे वैसे राशि का आंकड़ा बढ़ते हुए 6 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है।
सहकारिता विभाग की एक टीम ने शनिवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल को एक जांच रिपोर्ट सौंपी जिसमें 6 करोड 78 हजार 250 रुपए के गबन से जुड़े दस्तावेज थे। बैंक ने अपनी तीसरी जांच रिपोर्ट में घोटाला करने वाले बैंक के अधिकारी, कर्मचारी और उन किसानों के नाम शामिल किए हैं जिनके खातों से राशि का लेनदेन हुआ है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की कृषि शाखा में हुए गबन के मामले में बैंक पहले दो जांच रिपोर्ट सौंप चुका है जिसमें लगभग दो करोड़ रुपए का गबन पहले ही सामने आ चुका है।
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कोतवाली पुलिस कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में भी पेश कर चुकी है, जहां से उनका जेल वारंट काटा जा चुका है। तीसरी जांच रिपोर्ट में आरोपियों की संख्या 100 हो चुकी है, जिसके चलते बैंक की जांच कमेटी और बैंक के अधिकृत अधिवक्ता पीयूष शर्मा ने पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल से तीसरी जांच रिपोर्ट के आधार पर दूसरी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए मांग की है, जिस पर एसपी अग्रवाल ने नियमानुसार कार्रवाई के लिए आश्वास्त किया है।
दरअसल यह पूरा मामला छिंदवाड़ा स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की कृषि शाखा का है जहां बीते वर्ष इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था जिसमें बैंक के तीन कर्मचारी कृष्णा साहू, संदीप सूर्यवंशी सहित एक अन्य को मुख्य अभियुक्त बनाया गया था। जिन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया था और यह आरोपी आज भी जेल में ही है। लेकिन बैंक प्रबंधन ने बैंक के खातों का सूक्ष्मता से जांच शुरू की। जिसके लिए एक दल गठित किया गया था… बैंक के इस जांच दल ने आज जो खुलासा किया वह चौंकाने वाला था।
जांच दल के मुताबिक इस घोटाले में के लगभग दो करोड़ रुपए के अलावा तकरीबन 4 करोड़ 15 लाख रुपए, सौ से अधिक खाताधारकों के खातों में राशि डालकर निकाली गई है। जिसमें घोटाले का यह आंकड़ा बढ़कर 6 करोड़ के पार हो गया हैं। बैंक के मैनेजर और जांच दल ने आज छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल को ज्ञापन सौंपकर उक्त जांच रिपोर्ट के साथ पाए गए संदिग्ध 100 खाताधारकों को भी इस मामले में आरोपी बनाए जाने सहित दूसरी एफ आई आर दर्ज की जाने की मांग की है। बैंक प्रबंधन के अनुसार जिनखाताधारकों के खाजिस पर पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल ने मामले की जांच कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।