छिंदवाड़ा, विनय जोशी। कम्प्यूटर की गलती कहें या लोड करने वाले इंसान की, लेकिन नीट (NEET) परीक्षा के रिजल्ट की लिस्ट में अपने नाम के सामने महज 6 अंक देख एक छात्रा को इतना सदमा लगा कि उसने मौत को गले लगा लिया। विधि सूर्यवंशी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उसके परिवार को इस रिजल्ट पर विश्वास नहीं होने पर ओएमआर शीट ओपन कराई गई तो पता चला कि छात्रा को 590 अंक मिले थे।
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18 साल की विधि डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती थी। उसने नीट के लिए कड़ी मेहनत की थी और बड़े उत्साह से परीक्षा भी दी। लेकिन हाल ही में जब रिजल्ट आया तो नेट पर अपलोड लिस्ट में उसके नाम के आगे महज 6 अंक दर्शाए गए थे। इससे उसे इतना मानसिक आघात पहुंचा कि विधि ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। हालांकि परिवार को परिवार को इस रिजल्ट पर बिल्कुल भरोसा नहीं था। परिजनों ने जब उसकी ओएमआर शीट ओपन कराई तो पता चला कि छात्रा को 590 अंक मिले हैं। बावजूद इसके विधि पूरी तरह से टूट चुकी थी और इस होनहार छात्रा ने ऐसा कदम उठा लिया जिससे सभी सकते में हैं।मंगलवार सुबह अपने घर पर उसने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। बेटी को डॉक्टर बना कर मानवता की सेवा में समर्पित करने का सपना देख रहे परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। परासिया की मैगजीन लाइन निवासी गजेंद्र सूर्यवंशी की 18 वर्षीय बेटी का शव मंगलवार सुबह उसके कमरे में फांसी पर लटका मिला। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और पंचनामा कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया।