इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा संजय मिश्रा पर आरटीआई के नाम पर अधिकारी- कर्मचारियों को ब्लैकमेल करने और वसूली करने के आरोप में एफ आई आर दर्ज करने के निर्देश पर बवाल खड़ा हो गया है। कलेक्टर के ट्विटर पर लोग इस कार्रवाई को लेकर जहां सवाल खड़े कर रहे हैं वही राज्य के सूचना आयुक्त ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने आज टील बैठक में आरटीआई एक्टिविज्म के नाम पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डरा धमका कर, ब्लैकमेलिंग करने और वसूली करने वाले व्यक्ति संजय मिश्रा के विरुद्ध एक्सटोर्शन की एफआईआर कराने के निर्देश अपर कलेक्टर श्री अभय बेडेकर को दिए।@JansamparkMP
— Collector Indore (@IndoreCollector) February 21, 2022
सोमवार को इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने टीएल बैठक में आरटीआई एक्टिविज्म के नाम पर अधिकारियों और कर्मचारियों को डरा धमका कर ब्लैक मेलिंग करने और वसूली करने के आरोप में संजय मिश्रा नामक व्यक्ति के खिलाफ एक्सटॉर्शन की एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश अपर कलेक्टर अभय बेडेकर को दिए थे। बताया जा रहा है कि मीटिंग में कई अधिकारी- कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि संजय मिश्रा द्वारा सूचनाओं के आधार पर डरा धमका कर वसूली करने का प्रयास किया जा रहा है जिसके बाद कलेक्टर ने यह आदेश दिए। लेकिन कलेक्टर की यह कारवाई सवालों के घेरे में है।
ब्लैकमेल करना अपराधिक कृत्य। कार्रवाई होनी चाहिए। पर साथ में RTI की जिस जानकारी के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा है उस जानकारी को प्रशासनिक पारदर्शिता के मापदंड के तहत पब्लिक प्लेटफॉर्म पर डाल देना चाहिए। क्योंकि सवाल अक्सर यह भी उठते हैं कि ब्लैकमेल किस किस्म के अधिकारी होते हैं। https://t.co/hCUI7YgEzd
— Rahul Singh 🇮🇳 (@rahulreports) February 21, 2022
इस बात से इंकार नहीं, कुछ चुनींदा लोग RTI का दुरुपयोग करते है। पर हमे नही भुलना चाहिए कि करोड़ों अरबों रुपए के घोटालो का पर्दाफाश भी इसी RTI से हुआ है। RTI देश का एकमात्र कानून, जिसके दम पर अंतिम पंक्ति का व्यक्ति बराबरी में बैठकर प्रथम पंक्ति के साहेब से हक़ से जानकारी माँगता है
— Rahul Singh 🇮🇳 (@rahulreports) February 21, 2022
राज्य के सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने ट्वीट कर लिखा है “ब्लैकमेल करना आपराधिक कृत्य। कार वाई होनी चाहिए पर साथ में आरटीआई की जिस जानकारी के लिए ब्लैकमेल किया जा रहा है, उस जानकारी को प्रशासनिक पारदर्शिता के मापदंड के तहत पब्लिक प्लेटफॉर्म पर डाल देना चाहिए क्योंकि सवाल अक्सर यह भी उठते हैं कि ब्लैकमेल किस किस्म के अधिकारी होते हैं।” राहुल सिंह ने यह भी लिखा है कि “इस बात से इंकार नहीं कि कुछ चुनिंदा लोग आरटीआई का दुरुपयोग करते हैं। पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि करोड़ों अरबों रुपए के घोटालों का पर्दाफाश भी इसी आरटीआई से हुआ है। आरटीआई देश का एकमात्र कानून जिसके दम पर अंतिम पंक्ति का व्यक्ति बराबरी में बैठकर प्रथम पंक्ति के साहिब से हक से जानकारी मांगता है।”
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वही कलेक्टर के ट्विटर अकाउंट पर भी इस कार्रवाई को लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि कैसे ब्लैक मेलिंग हो रही थी? तथ्य सहित सवाल पर प्रकाश डालना चाहिए। आरटीआई के दुरुपयोग का मतलब क्या है? इसे भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए और अधिकारी कौन से काम की वजह से ब्लैकमेल हो रहे हैं इसका भी खुलासा होना चाहिए। लोगों ने यह भी लिखा है कि ब्लैकमेल वही होता है जो गलत होता है वरना अधिकारी ब्लैकमेल क्यों होगा? शासन स्तरीय जांच होनी चाहिए तभी सत्यता सामने आएगी।