देवास में आर्मी भर्ती प्रशिक्षण के दौरान युवाओं में हुआ विवाद, फोड़े 2 बसों के कांच

Gaurav Sharma
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देवास, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में आर्मी भर्ती के प्रशिक्षण (Army recruitment training) के लिए देवास के कुशाभाऊ ठाकरे स्टेडियम (Kushabhau Thakre Stadium of Dewas) में उज्जैन (Ujjain) जिले से युवा रनिंग के टाइमिंग की प्रैक्टिस (Practice of running timing) करने देवास (Dewas) पहुंचे थे। इसी दौरान उज्जैन (Ujjain) और देवास (Dewas) के युवाओं के बीच जोरदार विवाद (Conflict) हो गया। जो देखते ही देखते इतना बढ़ गया कि पत्थरबाजी (Stone pelting) और तोड़फोड़ होने लगी। जिसमें दो बसों के कांच फूट गए (Two buses broke glass) हैं। मामला बढ़ता देख लोगों ने डायल 100 (Dial 100) पर इसकी सूचना दी। वहीं सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस (police) ने दोनों पक्षों में समझौता कराकर मामले को शांत करवाया।

उज्जैन और देवास के युवाओं में हुआ जमकर विवाद

बता दें कि देवास जिले के कुशाभाऊ ठाकरे स्टेडियम (Kushabhau Thakre Stadium of Dewas) के ग्राउंड में सैनिक भर्ती प्रशिक्षण रैली (Military recruitment training rally) में शामिल होने सोमवार को उज्जैन जिले (Ujjain) से युवा देवास (Dewas) पहुंचे थे। इसी दौरान उज्जैन और देवास के युवाओं के बीच विवाद (Dispute among youth) शुरू हो गया। विवाद को बढ़ता देख स्टेडियम में मौजूद अन्य युवाओं ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, लेकिन विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में पथराव (Dispute among youth) होने लगा। जिसके बाद युवाओं ने दो बस के कांच तोड़ (Broke two bus glass) दिए।

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युवाओं ने विवाद में दो बसों के कांच फोड़े

उज्जैन (Ujjain) और देवास (Dewas) जिले के युवाओं में हुए पथराव के दौरान कुछ युवाओं के हाथों में लकड़ियां देखी गई। वहीं इस विवाद में तीन युवक घायल हुए हैं। जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है। इस दौरान एक बस ड्राइवर (bus driver) बस को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गया, वहीं दूसरी बस को पुलिस ने अपने कब्जे में लेते हुए औद्योगिक थाने (Industrial station) ले गए। इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के युवाओं ने थाने में किसी भी प्रकार का कोई भी मामला दर्ज नहीं करवाया है।

पुलिस ने कराया मामला शांत

फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाइश देते हुए मामले को शांत करवाया। जिसके बाद दोनों बसों में उज्जैन से आए युवा वापस अपने घर को चले गए। इस मामले को लेकर जब स्टेडियम प्रबंधन से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए उज्जैन से कैंडिडेट्स आने वाले है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई थी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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