Dabra Newborn Death Case : कहते हैं कि औलाद को पाने की चाह और उसकी मोहब्बत में इंसान इस दुनिया में हर उस चौखट पर माथा रगड़ता है जहां से उसे औलाद मिलने की आस होती है, फिर चाहे वह कोई मंदिर मस्जिद हो या फिर डॉक्टरों की दहलीज व्यक्ति हर उस चौखट पर आस लगाए मिन्नतें करता है कि कहीं से भी उसे औलाद की प्राप्ति हो सके लेकिन क्या गुजरी होगी उस मां और पिता के दर्द भरे दिल पर जब इस दुनिया में आते-आते उनका जिगर का टुकड़ा डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही के चलते उनसे छिन गया। ऐसा ही एक मामला डबरा सिविल अस्पताल का है। जहां पर स्टाफ की लापरवाही के कारण एक नवजात शिशु की मौत हो गई थी जिसके संबंध में पीड़ित परिवार ने आज डबरा एसडीएम और डबरा सिटी थाना प्रभारी यशवंत गोयल को आवेदन देकर डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ एफआईआर की मांग की।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि डबरा में रहने वाले ग्राम कल्यानी निवासी अमर सिंह और उसके परिवार में उस वक्त मातम छा गया। जब डबरा सिविल अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की घोर लापरवाहियों के कारण इस दुनिया में आंखें खोलने से पहले ही उनका बच्चा मौत के आगोश में सो गया। यह जानकारी लगते ही पीड़ित परिवार डबरा सिविल अस्पताल में ही रोता भी लगता रहा लेकिन किसी अधिकारियों ने उनकी फरियाद नहीं सुनी।
पीड़ित परिवार ने लगाए डॉक्टरों पर गंभीर आरोप
डबरा सिविल अस्पताल में महिला डॉक्टर ड्यूटी के दौरान ही प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं कभी कोई क्रिटिकल मरीज सिविल अस्पताल में आता है तो उसे प्राइवेट क्लीनिक पर बुलाकर उसका इलाज किया जाता है जिसके लिए डॉक्टर के केबिन के बाहर कई दलाल खड़े रहते हैं और जब केस बिगड़ जाता है तो उसे सिविल अस्पताल से ग्वालियर रेफर कर दिया जाता है।
वहीं पीड़ित परिवार के सदस्य संतोष जाटव निवासी कल्यानी ने बताया 3 अगस्त को उनके छोटे भाई की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई जिसके बाद परिवार के लोग उसे लगभग 10:00 डबरा सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पर पदस्थ डॉक्टर मैमूना खातून ने उन्हें अपने प्राइवेट क्लीनिक पर बुलाया और वहां पर उनकी बहू को प्राइवेट इंजेक्शन लगाए और और बाहर की दवाइयां लिखी उसके बाद उसे डबरा सिविल अस्पताल में भर्ती करने को कहा संतोष ने बताया जब मरीज को डबरा सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे तो बड़ी मिन्नतों के बाद नर्सिंग स्टाफ ने उनकी बहू को एडमिट किया और अभद्र व्यवहार करते हुए उनसे कहा कि अभी डिलीवरी नहीं हो रही इसे यहां से ले जाओ इसके बाद लगभग शाम को वह मरीज को बाहर लेकर आए तो बाहर ही उनकी बहू को प्रसाद पीड़ा होने लगी और उसने एक बच्चे को अस्पताल कैंपस में ही जन्म दे दिया इसके बाद बच्चा जमीन पर गिर गया और उसकी मौत हो गई उन्होंने बताया कि ऐसा उनके साथ हुआ है ऐसा और किसी मरीज के साथ ना हो इसलिए इस घोर लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ FIR होनी चाहिए इसके संबंध में आज एसडीम डबरा और थाना प्रभारी को आवेदन दिया है।
पीड़ित महिला के पति अमर सिंह जाटव ने बताया जब उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो वह उसे लेकर डबरा सिविल अस्पताल पहुंचे जहां पर डॉक्टर मैमूना खान ने उन्हें अपने प्राइवेट क्लीनिक पर इलाज के लिए बुलाया जहां पर डॉक्टर ने उनसे पैसों की मांग की तब उन्होंने कहा कि उनके पास पैसे नहीं है तो दो मैमूना खान ने उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा जहां पर नर्सिंग स्टाफ ने उनकी पत्नी की कोई देखभाल नहीं की और कोई इलाज नहीं किया और जब शाम हुई तो उन्होंने उसे ग्वालियर के लिए रेफर लिख दिया और कहा कि यहां कुछ नहीं होगा आप यहां से जाइए और उन्हें बाहर निकाल दिया इसके बाद अस्पताल कैंपस में ही उनकी पत्नी की डिलीवरी हो गई और बच्चा नीचे जमीन पर गिर गया जिसके कारण उसकी मौत हो गई इस संबंध में महिला डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ उन्होंने FIR की मांग की है। साथ ही उन्होंने बताया अभी अगर दोषियों पर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो वह कलेक्टर को भी आवेदन देंगे।
वहीं इस मामले को लेकर डबरा सिटी थाना प्रभारी यशवंत गोयल ने बताया कि डबरा सिविल अस्पताल में है पदस्थ महिला डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ उनके पास आवेदन आया है इस मामले की पूरी जांच की जाएगी फिर जांच के बाद जो भी इस मामले में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट