Fri, Dec 26, 2025

हादसे का इंतजार में सिंचाई विभाग, बेरू हेड मैन कैनाल नहर बुरी तरह से हुई क्षतिग्रस्त, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

Written by:Amit Sengar
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नहर के आसपास की सर्विस रोड इतनी कट चुकी है कि किसानों को उस पर से गुजरने में भी डर लगता है कि कहीं उनके साथ कभी कोई बड़ा हादसा ना हो जाए।
हादसे का इंतजार में सिंचाई विभाग, बेरू हेड मैन कैनाल नहर बुरी तरह से हुई क्षतिग्रस्त, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

Dabra News : मध्य प्रदेश सरकार किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने का हर संभव प्रयास निरंतर कर रही है जिससे सही समय पर किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी पहुंच सके। इसके लिए सरकार सिंचाई विभाग को लाखों रुपए का फंड जारी करती है जिससे समय-समय पर नहरों का रखरखाव और मेंटीनेंस हो सके लेकिन ग्वालियर जिले में सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपनी कुर्सी के मध में इतने व्यस्त हैं कि वह क्षेत्र में समय-समय पर भ्रमण कर नहरों का सर्वे करना जरूरी ही नहीं समझते और अगर कभी क्षेत्र में कोई अधिकारी जाते भी हैं तो सिर्फ खाना पूर्ति कर वापस दफ्तरों में लौट जाते हैं इसकी जीती जागती मिसाल अनुभाग की नहरों में देखने को मिलती है जिन में न तो कई वर्षों से साफ सफाई हुई है और ना हीं नहरो की मरम्मत हुई है जिसका खमिंयाजा अनुभाग के किसानों को भुगतना पड़ता है।

आपको बता दें कि हरसी नहर मेंन कैनाल बेरू हेड पर नहर की हालत इतनी क्षतिग्रस्त हो गई है कि नहर नदी के समान लगने लगी है इतना ही नहीं नहर के दोनों तरफ सर्विस रोड भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है जिस पर से किसानों का आवागमन होता है किसान अपनी फसलों को इसी सर्विस रोड से लाते ले जाते हैं नहर के आसपास की सर्विस रोड इतनी कट चुकी है कि किसानों को उस पर से गुजरने में भी डर लगता है कि कहीं उनके साथ कभी कोई बड़ा हादसा ना हो जाए।

ग्रामीणों ने लगाए आरोप

वहीं क्षेत्र के किसानों ने बताया कि नहर को क्षतिग्रस्त हुए कई वर्ष हो चुके हैं लेकिन ना तो सिंचाई विभाग के अधिकारी नहर की मरम्मत कर रहे हैं और ना हीं क्षेत्र में मॉनिटरिंग करने आते हैं और अगर कभी गलती से आ भी जाते हैं तो सिर्फ नजारा देखकर वापस लौट जाते हैं।

अधिकारी नहीं उठाते फ़ोन

ऐसे में सिंचाई विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की इस तरह की लापरवाही शायद कभी कोई बड़े हादसे का कारण बन सकती है। वहीं जब हमारे संवाददाता द्वारा सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात करने के लिए संपर्क किया जाता है, तो वह क्षेत्र में होने का हवाला देकर दफ्तर में भी नहीं मिलते और ना हीं फोन उठाना जरूरी समझते हैं, अब देखना यह है कि आगे सिंचाई विभाग और जिले की वरिष्ठ अधिकारी कब तक इस खबर पर संज्ञान लेते है।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट