महिला ने अपनी जमीन नहीं बेची तो पड़ोसी ने कर दी हत्या, तीनों आरोपी गिरफ्तार

तीनों ने मौका पाकर घर में घुसकर मृतिका का रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी तथा साक्ष्य छुपाने की दृष्टि से मृत्यु के बाद मृतका को चादर ओढाकर, हाथ में मिठाई का टुकड़ा रख दिया जिससे यह लगे कि मृतका की मृत्यु सामान्य तौर पर हुई है। 

Atul Saxena
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Gwalior News

Gwalior News : ग्वालियर पुलिस ने आठ दिन पहले एक वृद्ध महिला की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी को उसके दो अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है, आरोपियों ने रस्सी से गला दबाकर करीब 70 साल की महिला की हत्या कर दी थी, हत्या की जो वजह सामने आई है उसके मुताबिक आरोपी मृतक महिला के पति की जमीन हड़पना चाहता था, पडोसी आरोपी चाहता था कि मृतक महिला उसे अपनी जमीन बेच दे लेकिन उसने इंकार कर दिया तो उसने दो साथियों के साथ मिलकर महिला को मार दिया।

जानकारी के मुताबिक 11 नवम्बर को बेलगढ़ा पुलिस को सूचना मिली थी कि ग्राम बाजना में एक वृद्ध महिला जिसकी उम्र करीब 70 साल है की किसी अज्ञात बदमाश ने घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी है। सूचना पर थाना बेलगढ़ा पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और उक्त घटना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुये वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटना स्थल पर पहुॅचे और फोरेंसिक एक्सपर्ट, डॉग स्क्रॉड, फिंगरप्रिंट की टीमों द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया गया प्रथम दृष्टया पर उक्त हत्या गला दबाकर करना प्रतीत हुई। जिसके बाद   थाना बेलगढ़ा में हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

पांच थानों की टीमों ने की पड़ताल 

वृद्ध महिला की हत्या को गंभीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने एडिशनल एसपी शहर (पूर्व/अपराध/यातायात)  कृष्ण लालचंदानी एवं एडिशनल एसपी देहात निरंजन शर्मा को क्राइम ब्रांच व थाना बेलगढ़ा एवं आसपास के थाने करहिया, चीनोर, आरोन की पुलिस टीमें बनाकर उक्त घटना का पर्दाफाश कर आरोपियों को पकड़ने हेतु निर्देशित किया गया।

पूछताछ के दौरान शक के घेरे में आया पड़ोसी 

विवेचना के दौरान पुलिस टीमों द्वारा आसपास के लोगों से पूछताछ की गई एवं मुखबिर तंत्र सक्रिय किये गये। पुलिस टीम द्वारा लगातार कई बिन्दुओं पर की गई विवेचना तथा तकनीकी साक्ष्य एवं मुखबिर तंत्र के आधार पर मालूम चला कि मृतका कुसुमबाई के पति पतुआ प्रजापति के नाम करीब 9 बीघा जमीन है तथा मृतका कुसुम बाई की तीन लडकियां है, जो कि मृतका कुसुमबाई के पहले पति से हैं तीनों में से कोई भी लड़की पतुआ प्रजापति की नहीं है तथा मृतका स्वभाव से काफी दबंग जैसी तथा गाली गलौज करने वाली थी जिसका अपनेे पड़ोसी के परिवार के साथ आये दिन झगडा होता रहता था।

आरोपी पड़ोसी ने कुबूल किया जुर्म, दो अन्य साथी भी गिरफ्तार  

इतनी जानकारी मिलने के बाद पुलिस के शक के घेरे में मृतका का पड़ोसी आया, जिसे पुलिस टीम द्वारा हिरासत लेकर घटना के संबंध में पूछताछ की गई तो उसके द्वारा पुलिस टीम को गुमराह करने का प्रयास किया परन्तु पुलिस टीम द्वारा उससे गहनता से पूछताछ की गई तो उसके द्वारा अपने अन्य दो साथियों के साथ मिलकर कुसुम बाई का रस्सी से गला घोंटकर हत्या करना स्वीकार किया। पकड़े गये आरोपी की निशादेही पर उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया गया।

इस कारण पड़ोसी ने की वृद्ध महिला की हत्या 

पकड़े गये पड़ोसी आरोपी से घटना का कारण पूछा तो उसने  बताया, उसकी जमीन व मृतका कुसुमबाई की जमीन आसपास में है। वह चाहता था कि मृतका अपने घर वाली जगह उसे ही बेच दे परन्तु मृतका कुसुम बाई पिछले कुछ महीनों से घर वाली जगह किसी और को बेचने की बोलती थी। मृतका के पति पतुआ का रिश्ते में भतीजा ने उसे बताया कि पतुआ के कोई लड़का नहीं है जो लडकियां है वो पतुआ की नहीं हैं। अगर कुसुम बाई मर गई तो जमीन उसे मिल सकती है और नहीं भी मिलेगी तो पतुआ से किसी भी तरह ले लेंगे।

ऐसे बनाया हत्या का प्लान 

मृतका अपने पति पतुआ के नाम की जमीन को भी अपनी तीन लड़कियों के नाम कराने की बात कह रही थी। मृतका का पति पतुआ काफी सीधा सादा था और मृतका ही उसकी राह में रोडा बन रही थी इसलिये उसने मृतका के पति के  भतीजे व एक अन्य साथी को 50 हजार रुपये देने तथा जमीन मिलने पर भी हिस्सा देने का लालच देकर अपने साथ शामिल किया। घटना दिनांक 10 नवम्बर को दिन में तीनों ने मौका पाकर घर में घुसकर मृतिका का रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी तथा साक्ष्य छुपाने की दृष्टि से मृत्यु के बाद मृतका को चादर ओढाकर, हाथ में मिठाई का टुकड़ा रख दिया जिससे यह लगे कि मृतका की मृत्यु सामान्य तौर पर हुई है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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