Dabra News : RTI कानून बना मजाक, पैसा जमा कराने के बाद भी नहीं दी जानकारी, भ्रष्टाचार दबाने में जुटा सिस्टम

Atul Saxena
Published on -

Dabra News : भष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकारें कार्यवाही भी करती हैं और कानून भी बनाती हैं। लेकिन सिस्टम में बैठे कुछ सरकारी कर्मचारी अधिकारी सरकार की इस मंशा को ना सिर्फ पलीता लगा रहे हैं बल्कि सरकार की छवि को भी धूमिल कर रहे हैं। ताजा मामला भितरवार जनपद की देवरी कला ग्राम पंचायत का है। यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व सरपंच और सचिव ने अधिकारियों के साथ मिलकर शासकीय योजनाओं की राशि निकाल कर हजम कर ली और कोई विकास कार्य नहीं कराये।  बड़ी बात तो ये है कि एक ग्रामीण ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी चाही , उससे 24 हजार रुपये भी जानकारी के नाम पर जमा करा लिए लेकिन करीब ढाई महीना बीत जाने के बाद भी उसे कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।

ग्वालियर जिले की भितरवार जनपद पंचायत की देवरी कला ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए गांव के ही निवासी आरटीआई कार्यकर्ता छत्रपाल सिंह रावत ने सूचना का अधिकार कानून के तहत 5 सितंबर 2022 को आवेदन देकर पूर्व सरपंच संतोष कुमार उर्फ़ सोनू खटीक के कार्यकाल 2014 से 2022 के बीच में हुए विकास कार्यों की जानकारी मांगी। जनपद पंचायत के सीईओ ने पंचायत सचिव को पत्र लिखकर जानकारी देने के निर्देश दिए।

आवेदन लेने के बाद पंचायत की तरफ से आवेदक को पत्र भेजकर कहा गया कि आपने जो जानकारी चाही है उसके 12004 पेज बनते हैं तो नियमानुसार 2 रुपये प्रति पेज के हिसाब से 24008 रुपये जमा करा दें, आवेदक ने पैसे जमा करा  दिए लेकिन 30 दिन की समय सीमा निकल जाने के बाद भी आवेदक को कोई जानकारी नहीं दी गई , करीब ढाई महीने बाद भी आवेदक के पास कोई जानकारी नहीं है।

छत्रपाल सिंह रावत का आरोप है कि पूर्व सरपंच संतोष कुमार उर्फ़ सोनू खटीक के कार्यकाल में सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ, उन्होंने आरोप लगाया कि सरपंच ने  ग्राम सचिव प्रवेश झा और पंचायत के अन्य अधिकारियों से मिलकर शासन की विभिन्न योजनाओं की राशि निकाल ली और गांव में कोई विकास कार्य नहीं कराया।

छत्रपाल ने कहा कि सड़कें बनी नहीं है , गांव में एक भी घर में शौचालय नहीं नहीं है लेकिन ओडीएफ के नाम पर पैसा निकाल लिया।  ऐसे ही अन्य शासकीय योजनाओं की राशि का बंदरबांट हुआ।  छत्रपाल के आरोपों को गांव की रहने वाली मीरा बाई, कंठो बाई और घंसू रावत भी सही बताते हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पूर्व सरपंच और सचिव ने कोई काम नहीं किया, पैसा खा गए, उनके यहां शौचालय है ही नहीं वे तो खुले में शौच जाते हैं। बहरहाल ग्रामीणों की बातें और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली साफ बताती है कि सरकारी राशि में गोलमाल कर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया जिसे दबाने के लिए अब जनपद पंचायत का पूरा स्थानीय सिस्टम लग गया है। फ़िलहाल आवेदक छत्रपाल सिंह रावत ने जनपद पंचायत भितरवार के सीईओ के कार्यालय में अपील दायर कर दी है।  देखना होगा कि इसपर कब एक्शन होता है।

डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट       


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News