Dabra News : देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वच्छता अभियान को लेकर भले ही जागरूक हो , लेकिन इस अभियान में जुड़े कुछ अधिकारी व कर्मचारी इसे पलीता लगाने में कोई कसर नही छोड़ रहे। जिसका सीधा सा उदाहरण ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के मेहगांव ग्राम पंचायत में देखने को मिल रहा है जहां जगह-जगह सड़कों पर गंदगी के अंबार लगे हुए हैं इस और ना तो पंचायत सेक्रेटरी मॉनिटरिंग करने आते है और ना हीं सरपंच के द्वारा ग्राम वासियों की समस्या पर ध्यान दिया जाता है सभी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी पंचायत को लेकर पूरी तरह से लापरवाह नजर आ रहे हैं।
बता दें कि स्वच्छ भारत अभियान पर केंद्र सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर अगर देखा जाए तो स्वच्छता अभियान को लेकर अधिकारी कर्मचारी पूरी तरह लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसा ही मामला डबरा की ग्राम पंचायत मेहगांव से सामने आया है जहां पर गांव के अंदर प्रवेश करते ही सड़कों के दोनों तरफ गंदगी के अंबार दिखाई देते हैं। जिसके कारण लोगों को राह चलते में दुर्गंध एवं गंदगी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस नजारे को देखकर ऐसा लगता है कि आज भी कई जगह ऐसी हैं जहां देश पिछड़ा हुआ नजर आता है यहां पर पंचायत के सरपंच एवं सेक्रेटरी तो है लेकिन उन्हें पंचायत की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं हैं। जिसका परिणाम है कि ग्राम वासियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों की अनसुनी कर देते है सरपंच
ग्रामीण धारू परिहार ने बताया कि गांव में पूरी सड़कों पर गंदगी फैली रहती है जिसके कारण ग्राम वासियों को आने-जाने में भी परेशानी होती है जिस पर ना तो गांव का सरपंच ध्यान दे रहा है, और ना हीं पंचायत सचिव के द्वारा ग्राम वासियों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाता है। गांव में पंचायत के द्वारा जो कचरा डालने के लिए जो गड्ढे बनवाए गए हैं उनकी सफाई सालों से नहीं की गई है और जब साफ सफाई के लिए ग्राम वासी सचिव और सरपंच से कहते हैं तो वह अनसुना कर देते है।
मीडिया के सवालों से बचते नजर आए सचिव
जब इस संबंध में गांव के सचिव रामस्वरूप ओझा से फ़ोन पर बात की गई तो वह मीडिया के सवालों का संतुष्टि जनक जवाब नहीं दे पाए और मीडिया के सवालों से बचते नजर आए।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट