Dabra News: डबरा जिले में एक जैसे दो मामले सामने आए हैं, जहां दबंगों द्वारा नागरिकों की सपंत्ति पर कब्जा किया गया है। पहला मामला बिलौआ नगर परिषद में वार्ड क्रमांक 3 में लक्ष्मण सिंह जाटव द्वारा खरीदे हुए घर के कुछ हिस्से पर दबंगों ने कब्जा कर लिया हैं। वहीं दूसरा मामला नगरपालिका वार्ड क्रमांक 30 इटाल का है, जहां एक गरीब महिला के प्लॉट पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। दोनों अपनी-अपनी समस्या लेकर जनसुनवाई में लेकर पहुंचे और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।
लक्ष्मण सिंह जाटव ने बताया उन्होंने बलौआ मैं वार्ड क्रमांक 3 में एक मकान खरीदा था। वह मकान पुराना बना हुआ था, जिसे वह नए तरीके से निर्माण कराना चाहते हैं, लेकिन पास में ही रहने वाला एक श्यामलाल कुटिया और उनका पुत्र उनके मकान बनाने पर विरोध कर रहे हैं और धमकियां देते हैं। दबंगों ने धमकी दी कि, ” मैं तुम्हें मकान तोड़कर नहीं बनाने दूंगा। तुमने मकान बनाया तो पूरी जिंदगी कोर्ट कचहरी में बिताना पड़ेगी।” इस मामले की शिकायत उन्होंने पुलिस थाने में भी की है, लेकिन पुलिस द्वारा भी उनकी कोई मदद नहीं मिली। इसलिए वह अपनी पत्नी के साथ डबरा जनसुनवाई में आवेदन लेकर आए और और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।
डबरा के वार्ड क्रमांक 30 इटाल गाँव में दबंगों द्वारा गरीब बेसहारा महिला के प्लॉट पर कब्जा करने की बात फरियादी महिला ने डबरा जनसुनवाई के दौरान आवेदन प्रस्तुत कर प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए बताई है। राम श्री परिहार पत्नी गोविंदा परिहार निवासी श्रीराम कॉलोनी डबरा ने बताया कि लगभग 35 साल पहले उन्हें शासन द्वारा निकाली गई योजना के तहत नसबंदी कराने के उपरांत एक 30 बाई 30 का प्लॉट उनकी गरीबी स्थिति को देख योजना के तहत उस समय डबरा में पदस्थ रहे तहसीलदार जग्गी द्वारा दिया गया था। बुजुर्ग महिला के मुताबिक उनका एक ही बेटा है जो कि मंडी में पल्लेदारी कर अपना और अपनी मां का जीवन यापन करता है। वह किराए के मकान में रहते हैं।
गरीबी स्थिति होने के कारण वे प्लॉट पर मकान का निर्माण नहीं करा पाए थे। अब सरकार की योजनाएं और प्रयासों के कारण वह अपने मकान निर्माण कराने की प्रक्रिया कर रहे थे। तभी मालूम चला कि किसी सलीम नाम के युवक ने उनके प्लॉट पर जबरन कब्जा कर रखा है। इस बात की शिकायत लेकर वह लगभग 3 से 4 बार डबरा जनसुनवाई में आ चुकी है, लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा कोई सुनिश्चित कार्रवाई नहीं की गई। इसी समस्या को लेकर एक बार फिर डबरा प्रशासन से गुहार लगाने डबरा जनसुनवाई में पहुंची, जहां पर उन्हें जांच का आश्वासन देने के बाद वापस लौटा दिया गया।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट