हत्या से आक्रोशित इमरती देवी डबरा टी आई को हटाने पर अड़ी, लगाये गंभीर आरोप

Atul Saxena
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Dabra News : डबरा में बढ़ते अपराध ये साबित कर रहे हैं कि बदमाशों में पुलिस का कोई खौफ नहीं है। चोरी, लूट, डकैती, हत्या यहाँ सामान्य बात हो गई है, इसे लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा है, बुधवार की रात बदमाशों ने खुले आम गोली चलाकर एक युवक की हत्या कर दी जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया, जो अस्पताल में भर्ती है।

घटना के बाद पुलिस के खिलाफ लोगों का आक्रोश आज गुरुवार को देखने को मिला, डबरा की पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री एवं मप्र लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी भी गुस्से में दिखीं, डबरा में बढ़ते अपराध और डबरा सिटी थाने के टी आई को हटाने की मांग पर अड़ी इमरती  देवी एक बार फिर आक्रोशित दिखाई दी।

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उन्होंने मृतक प्रशांत बघेल के समाज के लोगों के साथ पहले पीएम हॉउस पर नाराजगी जताई फिर वे समर्थकों के साथ शव लेकर डबरा सिटी थाने पहुँच गई, समर्थकों ने यहाँ शव के साथ चक्काजाम किया और आरोपियों की गिरफ़्तारी की मांग की, इमरती देवी ने टी आई के चेंबर में एडिशनल एसपी जयराज कुबेर से टी आई को हटाने और आरोपियों के मकानों पर बुलडोजर चलवाने की मांग की।

इमरती देवी ने कहा कि डबरा में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं, डबरा थाने के टी आई निष्क्रिय हैं,वो अपराध पर अंकुश नहीं लगा पा रहे, उन्होंने कहा कि पुलिस झूठ बोल रही है आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया, आरोपी खुद हाजिर हुए हैं, उन्होंने कहा कि सीएम साहब से मेरी बात नहीं हो पाई, लेकिन मैंने महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) से बात की है उन्होंने कहा है कि टी आई को हटवाया जायेगा, इमरती देवी ने आरोपियों के मकान तोड़ने की भी मांग की है।

एडिशनल एसपी जयराज कुबेर ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हैं, इमरती देवी ने आरोपियों के मकान तोड़ने की मांग की है ये प्रशासन का काम है, रही बात इमरती देवी की नाराजगी की तो उसे भी दूर करने का प्रयास किया जायेगा।

डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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