Dabra Gangrape: 29 जनवरी को डबरा में 15 साल की बच्ची के साथ हैवानियत की घटना को अंजाम देकर पुल से फेंक दिए जाने की जानकारी सामने आई थी। अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है और बताया जा रहा है कि सुसाइड के मकसद से बच्ची ने पुलिया से छलांग लगाई थी। बच्ची ने यह बताया है कि मकान मालिक दामोदर के कहने पर उसने यह सारी झूठी कहानी सभी के सामने पेश की थी। वहीं अब तक हुई जांच में यह सामने आया है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है।
पीड़िता ने बताई सच्चाई
पहले लड़की ने बॉबी और सत्येंद्र नामक लड़कों पर दुष्कर्म करने और पुल से फेंक देने का आरोप लगाया था। अब यह कहानी बदल गई है और लड़की ने खुद यह बताया है कि उसे किसी ने नहीं फेंका बल्कि वह खुद पुल से कूद गई थी। मकान मालिक की सच्चाई उजागर करते हुए पीड़िता ने बताया कि उसे और उसकी मां को घर से निकालने की धमकी दी गई थी। उसने ये भी कहा कि मकान मालिक ने उसे बॉबी और सत्येंद्र का नाम लेने को कहा था। पीड़िता ने इससे ज्यादा फिलहाल कुछ नहीं बताया है।
बच्ची की मां का क्या कहना
इस मामले में पीड़िता की मां का कहना है कि बेटी ने उन्हें ज्यादा कुछ भी नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि मकान मालिक दामोदर और उसका साथी बादल जाट एक पर्चा लेकर अस्पताल आए थे। यह पर्चा उन्होंने बेटी को पढ़ाया था। उस पर जो कहानी लिखी हुई थी वही बेटी ने सबको सुना दी। मुझे नहीं पता उस पर क्या लिखा था बेटी ने जो कहा वह मैंने मान लिया।
पुरानी रंजिश का मामला
यह जानकारी भी सामने आई है कि मकान मालिक दामोदर के कहने पर पीड़िता ने दोनों लड़कों का नाम लिया था। दामोदर की सत्येंद्र के साथ पुरानी रंजिश है। जिसके चलते उसे फंसाने के लिए मकान मालिक ने पीड़िता का इस्तेमाल किया। दोनों के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। वहीं दूसरी और यह बताया जा रहा है कि मकान मालिक का बेटा पीड़िता से एक तरफा प्रेम करता था और बॉबी का नाम इस मामले में लेकर वो अपने रास्ते का कांटा हटा रहा था।
पहले सामने आई थी ये कहानी
डबरा की रहने वाली यह छात्रा ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में भर्ती है। 31 जनवरी को उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में लड़की ने बताया कि 29 जनवरी को सुबह के समय जब वो कोचिंग पढ़ने का रही थी तो उसे रास्ते में उसे कोचिंग में पढ़ने वाले दो लड़के मिले, उन्होंने जबरन उसे मोटरसाइकिल पर बैठाया और सहराई पुल पर ले गए वहां उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर पुल से नीचे फेंक दिया। घटना के बाद बच्ची बेहोश हो गई 30 फीट उंचाई से फेंके जाने से उसे मल्टीपल फ्रेक्चर हो गए, रीढ़ की हड्डी टूट गई , पैर की हड्डी टूट गई। रास्ते से गुजर रहे लोगों ने गांव वालों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया फिर परिजनों ने उसे ग्वालियर में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
आरोपी के परिजनों ने फर्जी बताई थी घटना
लड़की की रिपोर्ट के आधार पर मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत ही एक टीम गठित की गई थी। टीम ने एक आरोपी को पकड़ लिया था। पकड़े गए आरोपी के परिजन थाने पहुंचे थे जहां उन्होंने इस घटना को फर्जी बताया था। परिजनों का कहना था की लड़की जिस समय घटना होने की बात कर रही है उस समय उनका बच्चा कोचिंग में पढ़ रहा था। उन्होंने लड़के का मोबाइल और कोचिंग के सीसीटीवी फुटेज चेक करने के बात भी कही थी।
आरोपी के दादा ने यह दावा भी किया था कि लड़की पुल पर अकेली थी और आसपास मौजूद महिलाओं ने उसे छलांग लगाते हुए देखा। दादा का कहना है कि महिलाओं ने बताया कि लड़की मोबाइल पर बात कर रही थी और बात करते-करते उसने छलांग लगा दी। लड़की को ऐसा करता देख तुरंत ही लोगों को बुलाया गया और उसे अस्पताल पहुंचाया गया।
पुलिस का क्या कहना
इस मामले में ग्वालियर एसपी राजेश सिंह चंदेल का कहना है कि बच्ची ने यह बताया है कि उसके साथ दुष्कर्म की घटना नहीं हुई है। वह मानसिक अवसाद की स्थिति का सामना कर रही थी और घटनास्थल पर अकेली थी। इसी के साथ सीसीटीवी फुटेज चेक करने के बाद जिन दो आरोपियों के नाम सामने आए थे। उनके बारे में भी यह जानकारी लगी है कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे।