Dabra News: रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगाने में पुलिस नाकाम, प्रशासन की नाक के नीचे परिवहन कर रहे माफिया

माइनिंग विभाग और पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते चल रहीं इन रेत खदानों के कारण कई बार आम लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।

Shashank Baranwal
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Dabra News: मध्य प्रदेश में पुलिस प्रशासन ने सभी तरह के अवैध उत्खनन और परिवहन पर सख्ती से रोक लगा रखी है, लेकिन इसके बावजूद भी ग्वालियर जिले के डाबरा अनुभाग में रेत माफिया, पुलिस प्रशासन और माइनिंग विभाग के संरक्षण में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का कारोबार तेजी से कर रहे हैं। रेत माफिया सिंध नदी का सीना छल्ली कर लगातार रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं, जिससे प्रशासन को लाखों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

आए दिन गोलियां चलने की मिल रही सूचना

अगर सूत्रों की माने तो डबरा के गिजौर्रा और पिछोर थाना क्षेत्र में जिगनिया, बारकरी खदान और अन्य खदानों पर कुछ रसूखदार रेत माफिया थाना प्रभारी के संरक्षण में दर्जनों अवैध हथियारों के साथ धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन कर रहे हैं। इस कारण आए दिन खदान पर आदर्श आचार संहिता के बीच गोलियां चलने की सूचना मिल रही है, जिससे ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है।

अवैध उत्खनन का कारोबार तेजी से चल रहा

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रशासन एक तरफ तो अवैध रेत उत्खनन परिवहन पर रोक लगाने की बात करता है, लेकिन दूसरी तरफ प्रशासन की नाक के नीचे दर्जनों अवैध हथियारों के साथ आदर्श आचार संहिता के बीच रेत माफियाओं के द्वारा रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन का कारोबार जोरों से चला रहे हैं।

LNT मशीन लगाकर निकाली जा रही रेत

आपको बता दें कि गिजौर्रा थाना क्षेत्र और पिछोर थाना क्षेत्र में थाना प्रभारियों के होते हुए भी रेत की अवैध खदानें चल रहीं हैं, जिन पर भारी मात्रा में अवैध उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है। इस दौरान रात के समय एलएनटी मशीन लगाकर लाखों रुपए की रेत निकाली जाती है। साथ ही ट्रैक्टर और डंपरों में भरकर थानों के सामने से इन्हें निकाला जाता है। इसके बावजूद भी थाना प्रभारी और माइनिंग विभाग इन पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। इससे पुलिस प्रशासन और माइनिंग विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी संदिग्धता के घेरे में नजर आ रहे हैं।

प्रशासन पर खड़े हो रहे सवाल

इतना ही नहीं माइनिंग विभाग और पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते चल रहीं इन रेत खदानों के कारण कई बार आम लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। इसके बावजूद भी प्रशासन हरकत में नहीं आ रहा हैं। आपको बता दें बीते दिनों ही रेत से भरे डंपर ने छपरा ग्राम के पास एक महिला को टायर के नीचे कुचल दिया था। इसके बाद भी रेत का परिवहन धड़ल्ले से की जा रही है। वहीं, सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार पुलिस प्रशासन और माइनिंग विभाग को क्या अब किसी और बड़े हादसे का इंतजार है?

डबरा से अरूण रजक की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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