डबरा की उपजेल में मना रक्षाबंधन पर्व : कैदी भाईयों की कलाई पर बहनों ने बांधा रक्षा सूत्र, प्रशासन ने किए पुख्ता इंतज़ाम

त्यौहार को देखते हुए उपजेल प्रशासन ने तैयारियां पहले से कर ली थीं। सुरक्षा को लेकर व्यवस्थाएं भी की गईं।

Amit Sengar
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dabra

Raksha Bandhan 2024 : आज पूरे देश में रक्षाबंधन का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। इसके चलते डबरा के सब जेल में भी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया है। सलाखों के पीछे बंद कैदी भाइयों की कलाइयों में राखी बांधने के लिए बड़ी संख्या में बहने उपजेल पहुंची है। जहां पर बहनों ने जेल में ही अपने भाइयों को राखी बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाया। वहीं पिछले साल की तरह इस साल भी सलाखों के पीछे कैदियों ने अपनी बहनों के साथ धूमधाम से रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया डबरा के जेल में इसके लिए कड़ी सुरक्षा की गई। साथ ही नियम भी लागू किए गए ।

वहीं पर त्यौहार शांतिपूर्ण संपन्न हो सके इसके लिए जेल प्रशासन ने की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की, डबरा सब जेल के जेलर महेश शर्मा ने बताया है की नियमों के अनुसार, बहने अपने भाइयों को जेल में सुबह 8 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक राखी बांध सकती है। इस दौरान जेल के भीतर राखी व मिठाई ही ले जाने की अनुमति दी गई है। त्यौहार को देखते हुए उपजेल प्रशासन ने तैयारियां पहले से कर ली थीं। सुरक्षा को लेकर व्यवस्थाएं भी की गईं।

बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र के लिए की कामना

वहीं पर कोरोना काल से अब तक जेल में बंद कैदी भाइयों के लिए विशेष नियम लागू किए गए थे जिस कारण से बहने अपने भाइयों को राखी नहीं बांध पा रहीं थी इस बार खुली छूट प्रशासन द्वारा दी गई है तो हंसी खुशी इस बार कैदी भाइयों के साथ उनकी बहनों ने रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लाष के साथ मनाया है।

डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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